भारत ने Canada के मनगढ़ंत आरोपों पर बेहद सख्त रुख अपनाया
कनाडा की धरती पर रची जा रही भारत विरोधी साजिश अब पीएम जस्टिन ट्रुडो के गले की फांस बनने वाली है। भारत ने कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को लगातार कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के समर्थन मिलने की बात से अपने पश्चिमी सहयोगी देशों से अवगत करा दिया है। ताकि ट्रुडो की हकीकत पूरी दुनिया को पता चल सके। इस मामले में भारत अब ट्रुडो को कतई बख्शने के मूड में नहीं है। इसीलिए अपने पश्चिमी मित्रों से भारत ने कनाडा में रची जा रही देश विरोधी साजिश को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाने की बात भी कही है। इससे जस्टिन ट्रुडो चिंतित हो उठे हैं। भारत के सख्त रुख को देखते हुए कनाडा के पीएम ट्रुडो के रुख में काफी नरमी भी देखने को मिल रही है। अब जस्टिन ट्रुडो यह कहते फिर रहे हैं कि वह इस मामले में भारत को उकसाना नहीं चाहते, मगर उससे जांच में सहयोग की अपील करते हैं। बता दें कि खालिस्तानी अलगाववादी व आतंकवादी हरदीप सिंह की हत्या को लेकर कनाडा के साथ राजनयिक विवाद गहराने के बीच भारत ने कनाडा की धरती से बढ़ रही भारत-विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर अपनी चिंताओं से प्रमुख पश्चिमी साझेदारों और मित्रों को अवगत कराया है।
भारत ने गुरुवार (21 सितंबर) को कनाडा सरकार पर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया. खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आने के बीच ये बात सामने आई है. विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया को जानकारी दी और कहा कि बड़ा मुद्दा आतंकवाद, आतंक-वित्तपोषण और विदेशों में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने का है. उन्होंने कहा, “आतंकवाद को हमारे पश्चिमी पड़ोसी पाकिस्तान की ओर से आर्थिक मदद और समर्थित किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षित पनाहगाह और संचालन के लिए जगह कनाडा सहित विदेशों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि कनाडाई सरकार आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया न कराए और जो लोग आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करे या उन्हें आरोपों का सामना करने के लिए यहां भेजे.”
भारत ने ये भी कहा कि अगर किसी देश को अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में चिंता करने की जरूरत है, तो वह कनाडा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अगर आप प्रतिष्ठित क्षति के बारे में बात करते हैं तो वो कनाडा है जिसे आतंकवादियों, चरमपंथियों और संगठित अपराध के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में अपनी बढ़ती प्रतिष्ठा पर ध्यान देने की जरूरत है.” उन्होंने ये भी कहा कि भारत ने पिछले कुछ सालों में कम से कम 20-25 व्यक्तियों के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन कनाडा की प्रतिक्रिया बिल्कुल भी मददगार नहीं रही है. बागची ने कहा कि भारत को आतंकवादी गतिविधियों और खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा से कोई विशेष जानकारी नहीं मिली, जिनकी इस साल 18 जून को दो अज्ञात हमलावरों ने गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बागची ने कहा, "इस मामले में कनाडा की ओर से तब या अब कोई विशेष जानकारी साझा नहीं की गई है. हम इस पर किसी भी विशिष्ट जानकारी को देखने के इच्छुक हैं, लेकिन अभी तक हमें कनाडा से कोई जानकारी नहीं मिली है." प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने कनाडा की धरती पर आपराधिक गतिविधियों पर बहुत विशिष्ट जानकारी साझा की थी, लेकिन देश ने इस पर कार्रवाई नहीं की. जब कनाडा के आरोप पर सवाल किया गया तो अरिंदम बागची ने कहा, “हां, मुझे लगता है कि यहां कुछ हद तक पूर्वाग्रह है. हमें ऐसा लगता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप मुख्य रूप से राजनीति से प्रेरित हैं.” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने कनाडा के साथ राजनयिक विवाद पर अपने प्रमुख सहयोगियों को अपने विचारों से अवगत कराया है. उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास सुरक्षा मुद्दों के कारण काम में व्यवधान को देखते हुए अस्थायी रूप से वीजा आवेदनों पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं.
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!