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  • Tuesday, 22 October 2024
कांग्रेस से 3500 करोड़ की टैक्स डिमांड पर Supreme Court में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा- लोकसभा चुनाव तक कोई एक्शन नहीं लेंगे

कांग्रेस से 3500 करोड़ की टैक्स डिमांड पर Supreme Court में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा- लोकसभा चुनाव तक कोई एक्शन नहीं लेंगे

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के 3500 करोड़ की टैक्स डिमांड के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विभाग कांग्रेस के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगा। हम चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहते। मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच में हुई। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई जुलाई के लिए तय कर दी है। कांग्रेस को 29 मार्च को आयकर विभाग से पहला नोटिस मिला था। जिसमें करीब 1823 करोड़ रुपए की डिमांड की गई। यह डिमांड नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए है। इसमें जुर्माने के साथ ब्याज भी शामिल हैं। पिछले हफ्ते ही कांग्रेस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नया नोटिस दिया था, जिसमें 2014 से 2017 के लिए 1745 करोड़ रुपए के टैक्स की डिमांड की गई। टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस के खातों से 135 करोड़ रुपए पहले ही वसूल लिए हैं।


राजनीतिक दलों को मिलने वाली टैक्स रिबेट नहीं दी
2014-15 के लिए 663 करोड़ रुपए, 2015-16 के लिए 664 करोड़ रुपए और 2016-17 के लिए 417 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस कांग्रेस को भेजा है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आयकर विभाग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाली टैक्स रिबेट खत्म कर दी है और पूरे कलेक्शन के लिए पार्टी पर टैक्स लगा दिया है। रिपोट्र्स में यह भी कहा गया है कि जांच एजेंसी ने छापे में कांग्रेसी नेताओं से जब्त डायरियों की थर्ड पार्टी को लेकर हुई एंट्रीज पर भी टैक्स लगाया है। कांग्रेस के सीनियर नेता विवेक तन्खा ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि पागलपन की पराकाष्ठा है। पिछले 3 दिनों में कांग्रेस पर 3567.33 करोड़ रुपए के एस्ट्रोनॉमिकल फिगर से टैक्स की मांग हुई है। कांग्रेस मुक्त भारत के भाजपा मिशन के लिए उनके निष्ठावान राजस्व विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद। लेकिन ये याद रखें, भारतीय मतदाताओं ने कभी भी निरंकुश आचरण का समर्थन नहीं किया है। विपक्षी दलों के बिना कोई भी लोकतंत्र संभव नहीं है।

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