Acharyashree के सानिध्य में पंचकल्याणक आगाज 11 को रथयात्रा, मंगल कलश शोभायात्र के साथ हाथी ओर बग्गियों में इंद्रा सवार होकर निकालेगे
पहली बार आचार्य श्री के सानिध्य में 16 नवंबर को भव्य जैनेश्वरी दीक्षा कार्यकम भी आयोजित होगा।
ग्वालियर/ ग्वालियर के इतिहास में पहली बार अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में 11 से 16 नवंबर तक श्री चौबीसी तीर्थंकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ एवं गरजरथ महोत्सव आचार्य सुबल सागर महाराज एवं मुनिराजों के मंगल सानिध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य आशीष भैया भोपाल के मार्ग दर्शन में आयोजित होगा। इस महोत्सव में पहली बार भगवान के 24 माता पिता, 24 सौधर्म इंद्र, 24 धनकुबेर के साथ अन्य इंद्र इंद्राणी मुख्य पात्र बनकर इस महोत्सव के अनुष्ठान की क्रियाएं संपन्न करेंगे। इस इस महोत्सव का शुभारंभ 11 नवंबर को मंगल कलश घटयात्रा निकालकर किया जाएगा। वही 16 नवंबर को जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव के दौरान आचार्य सुबल सागर जी ब्रह्मचारी नरेंद्र कुमार जैन कोलकाता ओर ब्रह्मचारी रमेश जैन अकोदिया को दीक्षा प्रदान करेंगे।
पत्थर को भगवान बनाने की विधि है पंचकल्याणक- आचार्य सुबल सागर महाराज ने नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला मे प्रेसवार्ता में बताते हुए कहाकि पंचकल्याणक क्या होता है, यह पत्थर (पाषाण) को भगवान बनाने की विधि है। तीर्थंकर बनने की पांच घटनाएं होती हैं। गर्भ, जन्म, वैराग्य, केवल ज्ञान और मोक्ष। पंचकल्याणक के दौरान पांचों दिन एक-एक घटना के संदर्भ में अनुष्ठान होता है। तीर्थंकर के गर्भधारण करने के 6 माह से देवता रत्नों की वर्षा करने लगते हैं। आचार्य श्री ने कहा पंचकल्याणक क्यों होते है- पत्थर से बनी प्रतिमाएं निर्जीव होती हैं। पहले अनुष्ठान के साथ ही उन्हें जीव मान लिया जाता है। संपूर्ण अनुष्ठान होने के बाद ही मूर्तियां मंदिर में विराजमान करके पूजने लायक होती हैं। वही प्रेसवार्ता में समिति के अध्यक्ष मनोज जैन चेयरमैन जैन कॉलेज, महामंत्री बालचंद्र जैन, मुख्य संयोजक विनय कासलीवाल सौरभ जैन, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र जैन बाबा, उपाध्यक्ष प्रमोद जैन, स्वागत अध्यक्ष पदम जैन, विकास जैन, पवन जैन पत्रकार, डॉ मुकेश जैन, कमलेश जैन, आदि मौजूद थे। स्वागत भाषण मनोज जैन ने
संचालन प्रवीण गंगवाल ने आभार बालचंद जैन ने दिया
पंचकल्याणक में आचार्य सुबल सागर जी देंगे नवीन प्रतिमाओ को सूरीमंत्र - महोत्सव के अध्यक्ष मनोज जैन, महामंत्री बालचंद्र जैन ने बताया कि पंचकल्याण महोत्सव के लिए भिंड बारसो ने 141 फुट ऊंची सुमेरु पर्वत में नवनिर्मित चौबीसी तीर्थंकरों की प्रतिमा एवं अन्य जैन मंदिरों की प्रतिमाओ में भगवान आदिनाथ, पार्श्वनाथ, मुनिसुव्रतनाथ, चंद्राप्रभु, वासपूज्य नेमिनाथ एवं अन्य प्रतिमाओ को पंच कल्याणक मे आचार्य सुबल सागर महाराज सूरीमंत्रो की क्रिया कर प्रतिमाओं को पूज्य करेगे।
पंचकल्याणक का शुभारंभ 11 नवंबर को निकालेगी कलश शोभायात्रा, रथ,बैड, हाथी, बाग्गिया होगी सम्मिलित
आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि आचार्य सुबल सागर महाराज के सानिध्य ओर समन्यवक जैन मिलन ग्वालियर द्वारा 11 नवंबर मंगलवार प्रातः 8:00 बजे नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला सें मंगल कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा में महिलाएं केशरिया साड़ियों में सिर पर मंगल कलश लेकर चलेगी। शोभायात्रा में पुरुष व्हाइट परिधानों में टोपी पहनकर चलेंगे। शोभायात्रा में सबसे आगे जैन ध्वजा लेकर सौधर्म इंद्रा हाथी सवार होगे। साथ ही बग्गियों में 24 माता पिता, 24 सौधर्म इंद्रा, 24 धनकुबेर सहित इंद्र इंद्राणी सवार रहेगे। घोडे, डी.जे, स्थानीय तीन बैड, ढोल ताशे के साथ महिलाएं गरबा डांडिया एवं तीन रथो में भगवान जिनेद्र की प्रतिमा विरजित होकर चलेगी। यह शोभायात्रा नई सडक से शुरू होकर गस्त का ताजिया, राममंदिर, फालक बाजार, शिदे की छावनी, से आयोध्य नगरी फूलबाग मैदान पहुचेगी। जहाॅ ध्वजरोहण होगा। जगह जगह से शोभायात्रा निकलेगी उस मार्ग पर जैन समाज के समाजजन भव्य स्वागत करेंगे
पंचकल्याणक महोत्सव में 11 से 16 तक ये कार्यक्रम होगे, शाम को महाआरती होगी।
पंचकल्याणक महोत्सव में 11 को सुबह मंगल कलश घटयात्रा निकालेगी एवं जैन ध्वजरोहण होगा। शाम को गर्भ कल्याणक होगा। 12 नवंबर को सुबह अभिषेक शांतिधारा, प्रवचन, गर्भ क्रिया होगी। शाम को आरती नाभिराय का दरबार, माता मारुदेवी के 16 स्वप्न फल ओर 56 कुमारियों की भेट कार्यक्रम होगा। 13 नवंबर को सुबह बालक तीर्थंकर का जन्म कल्याणक पर बधाई। वही 11 बजे शोभायात्रा के साथ बालक को ऐरावत हाथी बैठकर सुमेरू पर्वत पर 1008 कलशो से जन्मभिषेक पाडुक शिला पर एवं साॅयकाल भगवान का पालन झुलाने के कार्यक्रम होगे। 14 नवंबर को दीक्षा कल्याणक पर सुबह बालक तीर्थंकर बारात, राज्यतिलक के उपरांत वैराग्य व दीक्षा संस्कार होगे। 15 नवंबर को ज्ञान कल्याणक एवं 16 नवंबर को मोक्ष कल्याणक पर विश्वशांति महायज्ञ,जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की जाएगी एवं गजरथ फेरी निकाली जाएगी। इन छह दिवसीय को शाम को हाथी पर बैठक अलग अलग परिवार द्वारा महाआरती लेकर कार्यकम स्थल पहुचेगे।
ठहराने व भोजन व्यवस्था रहेगीये: पंचकल्याणक महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अयोजन स्थल पर निशुल्क कूपन के द्वारा भोजन व्यवस्था रहेगी। वही दूर दूर से बाहर से आने वालो के लिए रूकाने की व्यवस्था रहेगी। सुबह श्रध्दालुओ को स्वल्पाहार, चाय, एवं कार्यकम के उपंरात भोजन दिया जाएग।
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