Damoh Collector के डीएपी संबंधी बयान पर तीखा हमला: सरकार की नाकामी छुपाने के लिए किसानों को गुमराह न करें: Rahul Raj
दमोह/ कलेक्टर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने किसानों को डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) के उपयोग से परहेज करने और इसके स्थान पर एनपीके व टीएसपी का उपयोग करने की सलाह दी, पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया है। कलेक्टर ने यह भी दावा किया कि डीएपी के अधिक उपयोग से जमीन बंजर हो जाएगी और चीन से आयात बंद होने के कारण इसकी वैश्विक कमी है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राहुल राज ने इस बयान को किसान विरोधी और सरकार की नाकामी छुपाने का प्रयास करार दिया है। और उन्होंने आगे कहा जो अंतर एक कलेक्टर और एसडीएम में होता है वही अंतर डीएपी और एनपीके में है यह बात कलेक्टर साहब समझ जाते तो शायद यह अनारकल बयान बाजी नहीं करते।
राहुल राज ने कहा,"कलेक्टर साहब के बयान से साफ है कि सरकार डीएपी की कमी के लिए किसानों को दोषी ठहरा रही है। क्या केवल डीएपी की मांग से ही देश का आर्थिक बोझ बढ़ता है? क्या अन्य वस्तुएं विदेशों से नहीं मंगाई जातीं? सरकार समय पर भंडारण और आयात सुनिश्चित करने में विफल रही है, और अब किसानों को गुमराह कर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रही है।"उन्होंने सवाल उठाया कि यदि डीएपी और एनपीके में नाइट्रोजन व फॉस्फोरस जैसे तत्व समान हैं, तो डीएपी से जमीन बंजर होगी और एनपीके से नहीं, यह कैसे संभव है? राहुल राज ने कहा, "डीएपी में नाइट्रोजन (18%) और फॉस्फोरस (46%) की मात्रा एनपीके (12:32:16) की तुलना में अधिक होती है, जो फसल की वृद्धि और पैदावार के लिए लाभकारी है। यही कारण है कि किसान डीएपी को प्राथमिकता देते हैं। टीएसपी में केवल फॉस्फोरस होता है, जो फसल की सभी जरूरतों को पूरा नहीं करता।
"कलेक्टर के इस दावे पर कि डीएपी की कमी का कारण केवल चीन से आयात बंद होना है, राहुल राज ने तथ्यों के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा,"विश्व में मोरक्को, सऊदी अरब, रूस और अमेरिका भी डीएपी के बड़े उत्पादक हैं। मोरक्को 3.4 बिलियन डॉलर, चीन 2.99 बिलियन डॉलर, सऊदी अरब 2.5 बिलियन डॉलर, रूस 1.22 बिलियन डॉलर और अमेरिका 580 मिलियन डॉलर का डीएपी निर्यात करते हैं। विगत दो वर्षों में इन देशों के उत्पादन में 3% से 13.6% की वृद्धि हुई है। ऐसे में केवल चीन पर निर्भरता का बहाना बनाना किसानों के साथ धोखा है। राहुल राज ने सरकार पर किसान विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा, "पहले मूंग को जहरीला बताया गया, अब डीएपी से जमीन बंजर होने की बात कही जा रही है।
यह किसानों की मेहनत का अपमान है। सरकार न तो वादे के अनुसार गेहूं (₹2700/क्विंटल), धान (₹3100/क्विंटल) और सोयाबीन (₹6000/क्विंटल) के दाम दे पा रही है, न ही समय पर खाद उपलब्ध करा पा रही है। डीएपी की कमी को स्वीकार करने के बजाय, किसानों पर अनावश्यक मांग का ठीकरा फोड़ा जा रहा है।"कांग्रेस पार्टी ने मांग की सरकार तत्काल डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करे, ताकि किसान अपनी फसल चक्र को समय पर पूरा कर सकें। राहुल राज ने चेतावनी दी "यदि किसानों को समय पर खाद नहीं मिली और उनकी फसल प्रभावित हुई, तो इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी। हम किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर मंच पर संघर्ष करेंगे।"किसानों को सजग रहने की अपील करते हुए राहुल राज ने कहा, "प्रदेश का किसान अपनी खेती के लिए सही खाद और उसकी मात्रा का चयन करने में सक्षम है। उसे गुमराह करने की कोशिश न की जाए।"
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