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  • Friday, 22 November 2024
Former cricketer मनोज तिवारी ने धोनी पर लगाये गंभीर आरोप

Former cricketer मनोज तिवारी ने धोनी पर लगाये गंभीर आरोप

  • शतक के बाद भी मुझे बाहर रखा गया

कोलकाता। हाल की में सन्यास लेने वाले क्रिकेटर क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर गंभीर आरोप लगाये हैं। मनोज ने कहा कि अच्छे प्रदर्शन के बाद भी धोनी ने उनकी उपेक्षा की। मनोज के अनुसार वह धोनी से पूछना चाहते हैं कि शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद भी उन्हें लगातार 14 मैचों तक क्यों बाहर रखा गया। मनोज का कहना है कि घरेलू क्रिकेट में भी उनका रिकार्ड काफी अच्छा रहा है, इसके बाद भी उन्हें अवसर नहीं दिया गया। मनोज ने बंगाल की ओर से अपना रणजी ट्रॉफी मैच खेला था। इसके बाद उनके दिल का दर्द फूट पड़ा और उन्होंने धोनी के रवैये के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की। गौरतलब हे कि इस क्रिकेटर ने साल 2008 में भातरीय टीम की ओर से पदार्पण करने के बाद 12 एकदिवसीय और तीन टी20 मैच खेले थे। दिसंबर 2011 में, उन्होंने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 104 रन बनाकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाया था पर इसके बाद दूसरा अवसर उन्हें 7 महीने के बाद मिला। इसी को लेकर इस क्रिकेटर ने सवाल उठाया है।

उसका कहना है कि वह किसी दिन पूर्व कप्तान धोनी से यह जानना चाहेंगे कि ऐसा क्यों किया गया। उन्हें जानबूझकर 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी शामिल नहीं किया गया जबकि उस समय विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी रन नहीं बना पा रहे थे। उन्होंने कहा, मौका मिलने पर मैं धोनी से सलाज जरुर करुंगा कि मुझे शतक के बाद भी किस कारण से बाहर किया गया। ये भी तब जब कोई भी अन्य खिलाड़ी रन नहीं बना पा रहा था। इसके अलावा मनोज ने टेस्ट टीम में जगह नहीं मिलने पर भी दुख जताया। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैचों के अलावा प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी उनके आंकड़े बेहतर थे। इसके बाद भी इसमें युवाराज को अवसर दिया गया। उन्होंने साथ ही कहा, जब मैंने 65 प्रथम श्रेणी मैच पूरे कर लिए थे, तो मेरा बल्लेबाजी औसत लगभग 65 था। तब ऑस्ट्रेलिया टीम भारत दौरे पर आई थी, और मैंने अभ्यास मैच में 130 रन बनाए थे, फिर इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में 93 रन बनाए थे। इसके बाद भी उन्होंने मेरी जगह युवराज को अवसर दिया। साथ ही कहा कि इस प्रकार के व्यवहार से किसी भी खिलाड़ी का मनोबल टूट जाता है।

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