Gwalior के बाल संप्रेक्षण गृह से भागे पांच बाल अपचारी, सुरक्षा पर उठे सवाल
ग्वालियर। ग्वालियर के बाल संप्रेक्षण गृह से फिर एक बार बाल अपचारी चकमा देकर फरार हो गए हैं। यहाँ से एक दो नहीं बल्कि पांच बाल अपचारी शुक्रवार अलसुबह मौका पाकर भाग निकले। इनमें चार के ऊपर तो चोरी के आरोप हैं लेकिन एक हत्या जैसे गंभीर मामले का आरोपी भी शामिल है। इस बात का पता तब चला जब सुबह संप्रेक्षण गृह के दूसरे बाल अपचारी बाथरूम जाने के लिए निकले और उन्होंने वहां पर टूटी हुई ग्रिल देखी। उन्होंने इस बारे में वहां के प्रभारी को सूचना दी। जब छानबीन की गई तो मालूम चला कि पांच बाल अपचारी गायब हैं। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई । मौके पर पहुंच कर एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने मामले को समझा और तत्काल पांचों की तलाश शुरू करवा दी। यूनिवर्सिटी रोड़ स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में अलग -अलग अपराधों से जुड़े कुल 12 बाल अपचारियों को रखा गया था। जिसमें से भागने वाले यह पांच अपचारी एक साथ एक ही कमरे में रहते थे,जिन्हें 4-5 महीने पहले ही यहां लाया गया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये अपचारी यहां से भागने की योजना काफी दिन पहले से बना रहे थे। जिसके चलते उन्होंने समय समय पर शौचालय के रोशनदान को खोलना शुरू कर दिया था। जैसे ही मौका मिला वह यहां से भाग निकले ।
यह पहली बार नहीं है जो संप्रेक्षण गृह से बाल संप्रेक्षण गृह से छह बाल अपचारी फरार हो गए। छह माह पहले जब बाल अपचारियों को नहाने के लिए गरम पानी दिया जा रहा था, तभी गरम पानी से भरे बर्तन में धक्का देकर यहां काम करने वाले कर्मचारी को गिराया और भाग निकले थे। छह में से तीन बाल अपचारी बेटी बचाओ चौराहे पर हुई 16 वर्षीय छात्रा अक्षया यादव सनसनीखेज हत्या में नामजद हैं ।
हत्या का आरोपी भी भागा
शुक्रवार को भागे इन अपचारियों में एक अपचारी वह भी है जिस पर हत्या का मामला दर्ज है। साढ़े 16 साल के आमीन हुसैन पर जनकगंज थाने में 302 का मामला दर्ज है। आरोप है कि उसने अपने पिता के साथ मिलकर एक युवक की न सिर्फ बेरहमी से हत्या की थी बल्कि हत्या के बाद सिर और धड़ अलग कर शव को कई टुकड़े कर रामकुई नाले में फेंक दिया था। जिसमें जांच के दौरान शव के टुकड़े तो मिले पर सिर की तलाश आज भी जारी है।
सिस्टम पर भी सवाल
छह महीने पहले भागे 6 अपचारियों में से एक को वहां के सुरक्षाकर्मी ने पकड़ लिया था। बाकी पांच फरार हो गए थे । इसके बाद संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा को कई गुना बढ़ाने का दावा करते हुए दीवार और पेड़ों पर कांटे वाले तार लगा दिए गए थे। इसके अलावा सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई थी लेकिन सिर्फ छह महीने के भीतर ही दूसरी बार ऐसा हुआ है जब सुरक्षा को चुनौती देते हुए यह अपचारी संप्रेक्षण गृह से फरार हुए हैं। यह घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!