दिल्ली में किसानों की Mahapanchayat खत्म...एसकेएम केंद्र सरकार के खिलाफ संकल्प पत्र लेकर आई
9 दिन बाद गांव-गांव प्रदर्शन करेंगे किसान
गाजियाबाद। दिल्ली के रामलीला मैदान में गुरूवार को किसानों की महापंचायत हुई। यूपी, हरियाणा और पंजाब से किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार के खिलाफ संकल्प पत्र लेकर आई। अब 9 दिन बाद किसान गांव-गांव में लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाते हुए प्रदर्शन करेंगे। संकल्प पत्र में जिक्र किया गया कि एमएसपी को लेकर 9 दिसंबर 2021 को हुए समझौते को लागू नहीं किया। 2014-2022 के बीच 1,00,474 किसानों ने आत्महत्या की। फिर भी ऋण माफी योजना लागू नहीं की गई। बिजली क्षेत्र का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। लखीमपुर खीरी हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बचाया गया।
रामलीला मैदान पर 2 घंटे महापंचायत चली। राकेश टिकैत ने कहा कि ये सरकार आपको डराने धमकाने की कोशिश करेगी। वाहनों को रास्ते में रोका जा रहा है। लेकिन आप लोग डरें नहीं। इन लोगों की नजर आपकी जमीन पर है। जमीन बचाने के लिए आंदोलन जरूरी है।
किसानों के दिल्ली की तरफ मूवमेंट को देखते हुए गाजीपुर बार्डर पर 3 कंपनी पीएसी तैनात की गई थी। दिल्ली जाते हुए जगह-जगह किसानों को पुलिस ने रोका। मेरठ में किसानों को घरों में नजरबंद किया गया। डासना में आधी रात ट्रेन को रोका गया। इसके विरोध में किसानों ने 2 बजे से 5 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किया। उसके बाद 5 बजे अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड से वार्ता करके ट्रेन को रवाना किया। काशी टोल प्लाजा पर राकेश टिकैत के बेटे गौरव को रोका गया। उनके साथ किसान भी थे। इन सभी ने हाईवे किनारे ही हुक्का लगाकर चौपाल शुरू कर दी। यह चौपाल 1 घंटे तक चली। मुजफ्फरनगर, शामली, फर्रुखाबाद में किसानों को दिल्ली की तरफ आते हुए रोका गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर किसानों और पुलिस के बीच बहस हो गई। उन्हें दिल्ली की तरफ जाते हुए रोका गया था। किसानों ने कहा किहमें दिल्ली जाने दिया जाए, नहीं तो अरेस्ट कर लिया जाए। हम तैयार हैं।
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