Elon Musk की नई राजनीति : ट्रंप के साथ अमेरिका-ईरान संबंध सुधारने की पहल
वाशिंगटन। टेक्नोलॉजी और स्पेस इंडस्ट्री में बदलाव लाने वाले एलन मस्क अब राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में मस्क ने ईरान-अमेरिका के बीच तनाव को कम करने की कोशिश के तहत संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राजदूत से मुलाकात की। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह मुलाकात गुप्त स्थान पर हुई, जिसमें दोनों के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा चली। मस्क की यह पहल ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक के रूप में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है। ट्रंप ने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के साथ मिलकर मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ एफिशिएंसी का कार्यभार सौंपा है, जिसमें मस्क का मुख्य उद्देश्य नौकरशाही कम करना और सरकारी खर्चों में कटौती करना है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में ईरान-अमेरिका संबंधों में आई तल्खी के मद्देनजर, मस्क का यह कदम इन तनावों को कम करने की दिशा में एक कोशिश माना जा रहा है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में ईरान के साथ परमाणु समझौते को तोड़ने और जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद दोनों देशों में तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए थे।
इन घटनाओं के बाद ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों ने भारत के लिए भी समस्याएं खड़ी कीं, क्योंकि इन प्रतिबंधों ने भारत को ईरान से तेल आयात और चाबहार पोर्ट परियोजना में निवेश में रुकावटें पैदा कीं। भारत के लिए साबित होगा लाभदायक भारत के लिए अमेरिका-ईरान संबंधों में सुधार रणनीतिक रूप से लाभदायक साबित हो सकता है। चाबहार पोर्ट भारत को पाकिस्तान को बाईपास करके सेंट्रल एशिया तक व्यापारिक पहुंच का अवसर देता है, और ईरान से सस्ते तेल का आयात भी भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि मस्क की इस पहल से ईरान-अमेरिका रिश्तों में सकारात्मक बदलाव आते हैं, तो भारत को चाबहार पोर्ट और ऊर्जा स्रोतों से जुड़ी योजनाओं में नई गति मिल सकती है। हालांकि मस्क की सफलता का आकलन समय के साथ ही हो पाएगा, लेकिन अगर उनकी पहल से यह तनाव कम होता है, तो भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर बन सकता है।
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