Donald Trump ने अपने पहले भाषण में कहा- हम शुरु नहीं खत्म करेंगे युद्ध
वाशिंगटन। अमेरिकी चुनाव जीतने के बाद डोनल्ड ट्रंप ने अपने पहले भाषण में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी नए युद्ध को बढ़ावा देना नहीं है बल्कि वर्तमान संघर्षों को समाप्त करना है। उन्हें जो बाइडेन प्रशासन से विरासत में दो प्रमुख युद्ध मिल रहे हैं। पश्चिम एशिया में इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष और रूस-यूक्रेन विवाद। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार वादा किया था कि वो इन युद्धों को समाप्त करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सरकार इजराइल का खुलकर समर्थन करेगी। डॉ. ओमैर अनस, जो एक अन्य अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं, का मानना है कि ट्रंप अब्राहम अकॉर्ड को पुनः शुरू करने का प्रयास कर सकते हैं, जिससे अमेरिका मिडिल ईस्ट के देशों पर नियंत्रण बनाए रख सके। वे सीजफायर के लिए अमेरिका के पक्ष में दबाव डालने की कोशिश करेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का दृष्टिकोण अलग है। वे लंबे समय से इसे यूरोपीय विवाद मानते हैं और सीधे हस्तक्षेप करने से बचना चाहते हैं। ट्रंप इस विवाद को जल्द से जल्द समाप्त करने का पक्ष लेते हैं लेकिन पूरी तरह से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को समर्थन देने से हिचक रहे हैं।
डॉ. अनस का कहना है कि ट्रंप जेलेंस्की को 2020 की स्थिति के लिए सहमत करने और नाटो से दूर रहने के लिए तैयार कर सकते हैं, ताकि रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप अपने कार्यकाल में इन विवादों से अमेरिका को थोड़ी दूरी पर रखने की रणनीति अपना सकते हैं। हालाँकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके चुनावी वादे वास्तविकता में कैसे बदलते हैं, क्योंकि चुनावी दावों और वास्तविक नीतियों के बीच अक्सर बड़ा अंतर होता है। अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा का कहना है कि ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल की तरह ही ईरान पर दबाव बनाए रख सकते हैं, ताकि मिडिल ईस्ट में अमेरिका की साख को पुनः स्थापित किया जा सके। हालाँकि, अरब देशों में बढ़ती अमेरिकी विरोधी भावना और उनके नागरिकों का सरकारों पर कड़ा रुख अपनाने का दबाव ट्रंप के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
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