Dharmendra की दी सीख ने बदला उर्वशी का जीवन के प्रति नजरिया
मुंबई। बालीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी चमकती हुई पहचान के पीछे मशहूर अभिनेता धर्मेन्द्र एक ऐसी सीख छुपाकर रखती हैं, जिसने उनके करियर की दिशा ही नहीं, बल्कि जीवन के प्रति उनके पूरे नजरिए को बदल दिया। यह घटना उनके बॉलीवुड सफर की शुरुआत में हुई, जब वह अपनी पहली फिल्म सिंह साब द ग्रेट की शूटिंग कर रही थीं। उस दौरान “दारू बंद कल से” जैसे मशहूर गाने की शूटिंग हो रही थी, जिसमें सेट पर सनी देओल, बॉबी देओल और धर्मेंद्र जैसे बड़े सितारे मौजूद थे। रोशनी, रिहर्सल और हलचल के बीच अचानक एक ऐसा पल आया जिसने उर्वशी की जिंदगी में गहरी छाप छोड़ दी। उर्वशी बताती हैं कि धर्मेंद्र ने अपनी पहचान वाली सादगी और गर्मजोशी के साथ उन्हें पास बुलाया और बेहद शांत लहजे में वह बात कही, जिसे वह आज भी अपनी सबसे बड़ी सीख मानती हैं। धर्मेंद्र ने उनसे कहा “उर्वशी बेटा, ईगो नाम की चीज़ को अपने पैरों के नीचे रखकर कुचल देना।” यह वाक्य न तो किसी औपचारिक सलाह की तरह था और न ही किसी बड़े भाषण जैसा। यह एक अनुभवी कलाकार की गहराई से निकली बात थी, जिसमें जीवन के उतार-चढ़ाव का अनुभव छिपा था। एक नई अभिनेत्री के लिए भारत के सबसे सम्मानित अभिनेताओं में से एक से मिली यह सलाह उनके लिए एक निर्णायक मोड़ थी।
उर्वशी के मुताबिक, उन्होंने उसी क्षण निश्चय कर लिया कि चाहे वह कितनी भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करें, विनम्रता को कभी नहीं छोड़ेंगी। धर्मेंद्र के शब्द उनके लिए एक मंत्र बन गए, जो शूटिंग खत्म होने के बाद भी उनके मन में लंबे समय तक गूंजते रहे। यह सीख सिर्फ उस दिन तक सीमित नहीं रही, बल्कि दुनिया भर की यात्राओं, रेड कार्पेट कार्यक्रमों, अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों और ग्लोबल म्यूज़िक प्लेटफॉर्म तक उनके साथ चलती रही। हर सफलता, हर सम्मान और हर प्रशंसा को उर्वशी ने उसी विनम्रता के साथ स्वीकार किया, जिसकी राह धर्मेंद्र ने उन्हें दिखाई थी। आज उर्वशी रौतेला को ग्लोबल सुपरस्टार का दर्जा मिला है, लेकिन उनके लिए यह बातचीत जीवन-दर्शन बन चुकी है एक ऐसी याद, जो उन्हें हमेशा याद दिलाती है कि असली महानता प्रतिभा और शोहरत से बड़ी नहीं होती, बल्कि विनम्रता और इंसानियत से होती है।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!