अदालत ने दी जावेद अख्तर और Kangana Ranaut के बीच मध्यस्थता की अनुमति
मुंबई। अदालत ने जावेद अख्तर और कंगना रनौत के बीच मध्यस्थता की अनुमति दे दी है। इसको लेकर अब 21 जनवरी 2025 को बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक के माध्यम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों पक्ष आपस में समझौता कर मामले को सुलझा सकते हैं। यह मामला अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में चल रहा था, लेकिन कंगना के सांसद बनने के बाद इसे बांद्रा के विशेष सांसद कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई सुनवाई शुरू नहीं हो पाई थी। इस दौरान, दोनों पक्षों के वकीलों ने अदालत को बताया कि वे मामले का समाधान निकालने के लिए मध्यस्थता की प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं। 9 दिसंबर 2024 को मामले की सुनवाई स्पेशल मजिस्ट्रेट के सामने हुई, लेकिन यहां भी कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने इस विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता कराने का फैसला लिया और दोनों पक्षों को 21 जनवरी 2025 को एक बैठक के लिए बुलाया। कंगना को इस मामले में पहले पुलिस ने तलब किया था, लेकिन वह पेश नहीं हो पाई थीं। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।
कंगना ने मामले को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। अब दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की प्रक्रिया से इस विवाद के समाप्त होने की उम्मीद है। स विवाद का पटाक्षेप होने से न केवल कंगना और जावेद अख्तर के रिश्ते में सुधार हो सकता है, बल्कि यह बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी एक सकारात्मक संदेश भेजेगा।मालूम हो कि यह विवाद 2020 में उस समय शुरू हुआ था जब कंगना रनौत ने एक टीवी इंटरव्यू में जावेद अख्तर के बारे में कुछ झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे। इसके बाद, जावेद अख्तर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत मामला दायर किया, जिसमें आरोप था कि कंगना ने उनके खिलाफ झूठी और अपमानजनक बातें कहीं।
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