
दिल्ली में 100 करोड़ में बने नंद नगरी पुल में दरार की वजह भ्रष्टाचार: Chief Minister Atishi Marlena
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने नंद नगरी रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडरपास के निर्माण की जांच के निर्देश दिए हैं, जिसमें निर्माण पूरा होने के एक दशक के भीतर ही बड़ी दरारें आ गईं हैं। उन्होंने लापरवाही या भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की। सीएम आतिशी ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों की घोर लापरवाही को उजागर किया। साथ ही उन पर लोगों की जान जोखिम में डालने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। इस दोषपूर्ण परियोजना को अंजाम देने वाले डीटीटीडीसी और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की घोर लापरवाही ने न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया, बल्कि सैकड़ों लोगों की जान भी खतरे में डाल दी। 2011 से 2015 के बीच करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बने इन ओवरब्रिज और अंडरपास में निर्माण पूरा होने के कुछ ही महीनों के भीतर संरचनात्मक संकट दिखने लगा, जिससे भ्रष्टाचार और लापरवाही की गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
पत्र में कहा गया है कि एक फ्लाईओवर की औसत उम्र 70 साल से अधिक होती है, लेकिन इन पुलों को कम समय में ही तुरंत मरम्मत की आवश्यकता है। पत्र में आगे कहा गया है कि 2019 की कंसल्टेंसी रिपोर्ट में डेक स्लैब को तुरंत बदलने और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की सिफारिश के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को टेंडर तैयार करने, ठेका देने और निर्माण कार्य की निगरानी करने वाले सभी अधिकारियों के साथ-साथ परियोजना का मूल्यांकन करने वाली थर्ड पार्टी क्वालिटि कंट्रोल एजेंसी के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। सीएम आतिशी ने कहा मैं इस मामले पर अपनी सख्त नाराजगी व्यक्त करती हूं और मुख्य सचिव को निर्देश देती हूं कि वे टेंडर तैयार करने, कार्य ठेका देने और 2011-15 में काम की निगरानी करने वाले सभी अफसरों के खिलाफ तुरंत जांच करें। उन्होंने लापरवाही या भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!