कोटा में Coaching उद्योग खतरे में, छात्र संख्या में भारी गिरावट
इस साल छात्रों की संख्या गिरकर 85,000 से 1 लाख के बीच रह गई
कोटा। भारत में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले छात्रों के गढ़ कोटा ने अब गंभीर चुनौतियों का सामना किया है। वर्षों से लाखों छात्र यहां आकर प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए तैयारी करते रहे हैं, लेकिन हाल ही में हुए आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या ने कोटा के शहर की छवि पर प्रभाव डाला है। कोटा में इस साल छात्रों की संख्या गिरकर 85,000 से 1 लाख के बीच रह गई है, जो 2-2.5 लाख से काफी कम है। इस गिरावट के कारण कोचिंग उद्योग में वार्षिक आय में भारी कमी आई है। यहां के हॉस्टल संघ के अध्यक्ष कहते हैं कि हॉस्टलों में भी खाली जगहों की संख्या बढ़ गई है और किराये में भी कमी आई है। हालांकि, कोटा की शिक्षा प्रणाली और माहौल की विशिष्टता को लेकर अब भी आशा बनी हुई है। यहां के उद्योगपति और पूर्व शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोटा का कोचिंग मॉडल आकर्षक है और आने वाले सत्रों में भी छात्रों को आकर्षित करेगा। कोटा की नकारात्मक छवि और आत्महत्याओं के मामले के बावजूद, उद्योग के प्रतिनिधियों का मानना है कि शैक्षिक वातावरण और माहौल ने इसे आकर्षक बनाएगा।
अब कोटा के सामने यह चुनौती है कि वे इस संकट से उबरकर अपनी प्रतिष्ठा वापस पाएं। कोटा ने अपनी खोई हुई गरिमा वापस पाने के लिए तैयारी की है, और स्थानीय अधिकारियों और उद्यमियों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास कर रहा है। यहां के समुदाय भी मिलकर छात्रों को सहायता प्रदान करने में उत्साहित हैं। कोटा की इस चुनौती को मिटाने के लिए सभी स्तरों पर सक्रिय पहलूओं की आवश्यकता है, जिससे यह महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र अपनी पहचान को फिर से स्थापित कर सकें।
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