China ने बनाया हाइपरसोनिक प्लेन, पेरिस एक घंटे में न्यूयार्क दो घंटे में पहुंच सकते
बीजिंग। हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास के बाद, अब चीन ने हाइपरसोनिक प्लेन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा दिया है। स्पेस ट्रांसपोर्टेशन ने अपने यूंक्सिंग प्रोटोटाइप विमान का सफल परीक्षण किया है, जो कि एक कमर्शियल एयरक्राफ्ट है और यह मैक 4 की रफ्तार से उड़ान भर सकता है, यानी ध्वनि की गति से चार गुना अधिक तेजी से। इस हाइपरसोनिक प्लेन की गति 3,069 मील प्रति घंटे (करीब 5,000 किलोमीटर प्रति घंटे) होगी, जो रिटायर हो चुके कॉनकॉर्ड विमान की रफ्तार से करीब दोगुनी है। कॉनकॉर्ड विमान लगभग 2000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भर सकता था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह हाइपरसोनिक विमान लंदन से न्यूयॉर्क के बीच की दूरी केवल डेढ़ से दो घंटे में तय करेगा। स्पेस ट्रांसपोर्टेशन की कंपनी ने वीकेंड में अपने यूंक्सिंग प्लेन के प्रोटोटाइप की सफल उड़ान का प्रदर्शन किया। कंपनी का लक्ष्य 2027 तक फुल साइज के सुपरसोनिक पैसेंजर जेट की पहली उड़ान भरने का है।
यह विमान पेरिस से बीजिंग का सफर केवल एक घंटे में है और बीजिंग से न्यूयॉर्क की दूरी दो घंटे में तय कर सकेगा। अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तब यह करीब 25 वर्षों में पहला सुपरसोनिक विमान होगा जो यात्रियों को लेकर उड़ान भरेगा, क्योंकि कॉनकॉर्ड ने 2003 में अपनी आखिरी उड़ान भरी थी। विभिन्न कंपनियां कमर्शियल सुपरसोनिक हवाई यात्रा को फिर से शुरू करने की कोशिश में हैं, जिसमें स्पेस ट्रांसपोर्टेशन भी शामिल है। अमेरिका की कंपनी वीनस एयरोस्पेस एक इसतरह के जेट इंजन का निर्माण कर रही है, जिसका दावा है कि यह 6 मैक की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। हालांकि, स्पेसएक्स और टेसला के मालिक एलन मस्क ने भी सुपरसोनिक जेट बनाने में रुचि दिखाई है, लेकिन अपने अन्य कार्यों के कारण अभी वह इस दिशा में कदम नहीं बढ़ा रहे हैं।
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