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  • Friday, 22 November 2024
जेल रहकर भी Imran Khan की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को आरक्षित सीटों के योग्य माना

जेल रहकर भी Imran Khan की बड़ी जीत, सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को आरक्षित सीटों के योग्य माना

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे समय से जेल में हैं। लेकिन उनकी पार्टी पीटीआई को एक बड़ी कानूनी जीत मिली है। दरअसल, शीर्ष अदालत ने पार्टी को नेशनल और प्रांतीय असेंबली में आरक्षित सीटों के हिस्से के लिए पात्र माना है। सर्वोच्च न्यायालय 13 सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को अपने 8-5 के फैसले में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को झटका दिया है। बता दें कि आरक्षित सीटों का मुद्दा उस समय सुर्खियों में आया जब पीटीआई समर्थित 80 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार आठ फरवरी को विजयी हुए। इसके बाद एसआईसी ने 21 फरवरी को ईसीपी का रुख कर आरक्षित सीटों के आवंटन की मांग की थी। हालांकि, पीटीआई को तब झटका लगा था, जब ईसीपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जमा करने में विफल रहने का हवाला देते हुए चार मार्च को 4-1 के बहुमत से एसआईसी को आरक्षित सीटें आवंटित करने से इनकार कर दिया था। ईसीपी ने अन्य सियासी दलों के बीच महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों का वितरण किया था।

यह मामला सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) ने दायर किया था। आठ फरवरी के आम चुनाव के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद एसआईसी में शामिल हुए थे। पीटीआई के नेताओं को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया था।पीटीआई को शुरू में कथित चुनावी कानून के उल्लंघन के चलते अपने चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट के साथ चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। नतीजतन, पीटीआई के उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। इन निर्दलीय उम्मीदवारों ने 93 सीटों पर जीत हासिल की थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। इमरान खान ने किसी प्रतिद्वंद्वी दल से हाल मिलाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद पीएमएल-एन और पीपीपी छोटे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाने पर सहमत हुए। पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में जीत हालिस की। बाद में एसआई के साथ गठबंधन किया। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने फैसले में पेशावर उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया था और चुनाव आयोग के फैसले को अमान्य घोषित कर दिया था।

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