America में उठा बड़ा सवाल- तो क्या सुप्रीम कोर्ट के जज भी बदल जाते हैं?
वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर ली है और वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी, 2025 को शपथ लेंगे। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही अमेरिका में नई बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर बदलाव की मांग शुरू कर दी है। इनमें से कुछ लोग राष्ट्रपति जो बाइडेन से आग्रह कर रहे हैं कि वे ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले किसी उदारवादी जज की नियुक्ति सुनिश्चित करें। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या राष्ट्रपति के बदलते ही अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के जज भी बदल जाते हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया सोटोमायोर ने, जिनकी उम्र 70 साल है, स्पष्ट किया है कि उनकी अभी पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें टाइप 1 डायबिटीज है। कुछ प्रोग्रेसिव्स का मानना है कि सोटोमायोर को अब सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए ताकि बाइडेन उनके स्थान पर किसी उदारवादी जज को नियुक्त कर सकें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोगों ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम सुझाया है, जिन्हें सोटोमायोर के बाद सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा बनाया जा सकता है। कमला हैरिस को इस पद के लिए योग्य माना जा रहा है, क्योंकि उनके पास लॉ की डॉक्टरेट की डिग्री है और उन्होंने बतौर सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल के रूप में अनुभव प्राप्त किया है। इसके अलावा, उनके पास कानूनी और प्रशासनिक कार्यों में लंबे समय का अनुभव है, जो उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। सुप्रीम कोर्ट में किसी भी जज की नियुक्ति राष्ट्रपति और सीनेट के वोटिंग द्वारा होती है। चूंकि ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन को सीनेट में भी बहुमत मिल गया है, ऐसे में ट्रंप के पास सुप्रीम कोर्ट में अपनी पसंद के न्यायाधीश की नियुक्ति करने का मौका होगा। लेकिन बाइडेन और अन्य उदारवादी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ट्रंप के पदभार ग्रहण से पहले सोटोमायोर की जगह किसी प्रगतिशील उम्मीदवार को नियुक्त किया जाए, ताकि सुप्रीम कोर्ट में उदारवादी विंग की ताकत को बनाए रखा जा सके।
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