Aditya L1 की एक और लंबी छलांग, ISRO के सोलर मिशन ने सौर हवाओं का शुरू किया अध्ययन
नई दिल्ली । इसरो के सोलर मिशन आदित्य एल1 ने अपना काम शुरु कर दिया है। आदित्य एल1 ने आज एक बड़ी छलांग लगाते हुए सौर हवाओं का अवलोकन करना शुरू कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जानकारी देतें हुए कहा कि उपग्रह पर मौजूद आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट पेलोड ने अपना काम करना शुरू कर दिया है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। आदित्य एल1 के एएसपीएक्स में दो उपकरण- सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर और सुप्राथर्मल एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं। इसरो ने कहा कि स्टेप्स ने 10 सितंबर को काम करना शुरू कर दिया था, स्विस उपकरण शनिवार को सक्रिय हो गया और इसने उम्मीद के अनुरुप ही अपना प्रदर्शन किया है। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक्स पर एक फोटो भी डाला है, जो नए पेलोड के जरिए कैप्चर किए गए प्रोटॉन और अल्फा कणों की संख्या में ऊर्जा के अंतर को पेश करता है।
गौरतलब है कि इसरो ने अपने सौर मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से रवाना किया था। इस मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में सौर कोरोना की भौतिकी, इसके ताप तंत्र, सोलर विंड की रफ्तार, सौर वायुमंडल के संगठन, गतिशीलता, सौर वायु वितरण, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), फ्लेयर्स, पृथ्वी के नजदीक अंतरिक्ष मौसम की उत्पत्ति और तापमान का अध्ययन शामिल है। हालांकि इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि आदित्य एल1 अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 बिंदु में प्रवेश करने की प्रक्रिया सात जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसरो प्रमुख ने पहले ध्वनि रॉकेट प्रक्षेपण के 60वें वर्ष के उपलक्ष्य में विक्रम साराबाई अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर कहा था कि ‘आदित्य रास्ते में है।
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