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  • Friday, 22 November 2024
58 प्र‎‎तिशत पाकिस्तानी Women तलाक की ख्वा‎हिशमंद, बं‎‎दिशें पसंद नहीं

58 प्र‎‎तिशत पाकिस्तानी Women तलाक की ख्वा‎हिशमंद, बं‎‎दिशें पसंद नहीं

करांची। एक सर्वे के मुता‎किब 58 प्र‎‎तिशत पाक‍िस्‍तानी महिलाएं तलाक की ख्वा‎हिशमंद हैं। वह अपने पर लगी बं‎दिशों से परेशान होकर तलाक लेना चाहती हैं। हालां‎कि यहां पर म‎हिलाओं को तलाक के ‎लिए आवेदन का अ‎धिकार नहीं है, इस‎लिए प‎ति की सहम‎ति से श‎रिया के मुता‎बिक शादी को समाप्त कर सकती हैं। शायद यही वजह रही ‎कि पाकिस्‍तानी क्रिकेटर शोएब म‍ल‍िक ने भारतीय टेन‍िस ख‍िलाड़ी सान‍िया मिर्जा से तलाक लेकर दूसरी शादी रचा ली। इसे लेकर भारत से पाक‍िस्‍तान तक खूब चर्चा हुई। लेकिन आप जानकर हैरान होंगे क‍ि सान‍िया मिर्जा ही नहीं, पाक‍िस्‍तान में रहने वाली बहुत सारी मह‍िलाएं अपने पत‍ियों से तलाक लेना चाहती हैं। ये हम नहीं, 2019 में हुए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ था। तब 58 प्र‎तिशत पाकिस्तान‍ियों ने माना था क‍ि बड़ी संख्‍या में मह‍िलाएं तलाक ले रही हैं और यह संख्‍या हर साल तेजी से बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार पाक‍िस्‍तान में तलाक की न‍िगरानी करने के ल‍िए कोई खास एजेंसी नहीं है। यहां शर‍िया या इस्‍लामी कानूनों के द्वारा ही तलाक ल‍िया जा सकता है। एक महिला तलाक के लिए आवेदन नहीं कर सकती। ले‎किन पति की सहमति से शादी को समाप्त कर सकती है, जिसे खुला कहा जाता है। सान‍िया मिर्जा ने भी यही क‍िया है।


इस मामले में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे में पुरुषों के पास ज्‍यादा अध‍िकार होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे मह‍िलाएं सशक्‍त हो रही हैं, वे खुद फैसले लेना चाहती हैं। रोक टोक उन्‍हें पसंद नहीं। जब उन्‍हें रोका जाता है, नए रास्‍ते तलाशती हैं। यही वजह है क‍ि पहले के मुकाबले अधिक पाक‍िस्‍तानी मह‍िलाएं अपनी शादियां खत्म करने विकल्प चुन रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्वे गैलप और गिलानी रिसर्च फाउंडेशन ने 2019 में किया था। तब 58 फीसदी पाकिस्तानियों का मानना था कि पाकिस्तान में तलाक की दर में वृद्धि हुई है। 5 में से 2 लोगों ने कहा क‍ि ज्‍यादातर मामलों में ससुराल वाले ज‍िम्‍मेदार होते हैं। सिर्फ 11 प्र‎तिशत ने कहा कि तलाक के मामले कम हो गए हैं। देश के 4 प्रांतों में 1,287 लोगों पर यह सर्वे किया गया था और इसमें ज्‍यादातर मह‍िलाएं शामिल थीं।


इस मामले में लाहौर स्थित मानवाधिकार संरक्षण केंद्र की वकील अतिका हसन रजा ने बताया क‍ि अधिक महिलाएं खुला की मांग कर रही हैं। वे अपने अधिकारों के बारे में जानती हैं और अब अधिक स्वतंत्र हो रही हैं। दो बच्‍चों की मां शाज‍िया (बदला हुआ नाम) ने 2 साल पहले खुला कर दिया। क्‍योंकि वह एक रेस्‍टोरेंट चलाने लगी। उसने कहा, अब मुझे पत‍ि की जरूरत नहीं। बच्‍चों को मैं अकेले पाल लूंगी। शादी के बाद उसने काफी अत्‍याचार सहे थे। इसी तरह इस्‍लामाबाद की रहने वाली हान‍िया ने स्नातक तक पढ़ाई की। वह ज्यादा वेतन वाली नौकरी करना चाहती हैं, लेकिन पर‍िजनों ने उनकी शादी चचेरे भाई से तय कर दी। शादी वाले दिन ही हान‍िया भाग न‍िकलीं। बाद में खुला के ल‍िए अर्जी दी और खुद को इस र‍िश्ते से ‎अलग कर ‎लिया।

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