Dark Mode
  • Wednesday, 03 December 2025
2 साल पुराने अंधे कत्ल के आरोपी को आजीवन कारावास

2 साल पुराने अंधे कत्ल के आरोपी को आजीवन कारावास

ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में घटित एक अंधे कत्ल के केस को, जिसे पुलिस के लिए चुनौती माना जा रहा था, थाना प्रभारी डॉ. संतोष यादव ने न केवल सुलझाया, बल्कि मजबूत विवेचना के बलबूते न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा भी दिलाई। इस केस को अब पुलिस महकमे में कहा जा रहा है यानी वो केस जो सिर्फ अनुभव, धैर्य और बारीक कानूनी पकड़ से हल हो सकता था। कत्ल था बेनाम, सुराग थे न के बराबर तत्कालीन थाना प्रभारी डॉ. संतोष यादव ने इसे प्रतिष्ठा का विषय बनाते हुए जांच का ऐसा ताना-बाना बुना, जिसकी मिसाल अब ट्रेनिंग सेंटरों में दी जा सकती है। थाना प्रभारी डॉ. यादव ने साक्ष्यों की कड़ियों को जोड़ते हुए न सिर्फ मृतक की पहचान करवाई, बल्कि तकनीकी विश्लेषण, और मूक गवाहों की मदद से आरोपी तक पहुंच बनाई। यह पूरी प्रक्रिया बेहद बारीकी से की गई, ताकि कोर्ट में मामला टिक सके और अंततः यही हुआ। ग्वालियर कोर्ट ने हाल ही में इस केस में आरोपी को उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई, जो इस बात का प्रमाण है कि थाना प्रभारी की विवेचना में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। इस उपलब्धि के पीछे ग्वालियर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन भी अहम रहा।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, और नगर पुलिस अधीक्षक सभी ने इस केस को प्राथमिकता दी और थाना प्रभारी को पूरा फील्ड व लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया। इस केस को अब पुलिस विभाग में "हरा पेपर केस" के नाम से जाना जा रहा है यानी वो केस जो पेपर पर हल नहीं होता, बल्कि जमीनी समझ, कानूनी पकड़ और फील्ड वर्क से हल होता है। डॉ. संतोष यादव की यह कार्यशैली अब युवा थाना प्रभारियों के लिए एक आदर्श बन चुकी है। इस केस ने न केवल पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया, बल्कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और बढ़ाया है। डॉ. संतोष यादव जैसे अधिकारी ही इस दौर में सच में 'जनसेवा' की परिभाषा गढ़ रहे हैं।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!