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  • Saturday, 15 November 2025
Delhi Bomb Blast का मुख्य आरोपी उमर के घर में हुआ बम धमाका, मलबे में बदल गया मकान

Delhi Bomb Blast का मुख्य आरोपी उमर के घर में हुआ बम धमाका, मलबे में बदल गया मकान

जम्मू। दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में 10 नवंबर की रात हुए भीषण कार बम विस्फोट के मुख्य आरोपी पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी के पैतृक मकान को सुरक्षा बलों ने देर रात बम से ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में पूरा मकान मलबे में तब्दील हो गया। बता दें कि दिल्ली धमाके में 13 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए थे, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।डॉ. उमर नबी उस हुंडई आई 20 कार को चला रहा था, जिसमें विस्फोटक लदे थे। विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए डीएनए नमूने डॉ. उमर की मां के नमूनों से मेल खाने के बाद उसकी पहचान की पुष्टि हुई थी। उमर नबी पर आरोप है कि वह पिछले दो वर्षों में कट्टरपंथी बन गया था। जांचकर्ताओं ने बताया कि वह सोशल मीडिया पर कई कट्टरपंथी मैसेजिंग ग्रुप में शामिल हो गया था।जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अंतर-राज्यीय व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में काजीगुंड स्थित डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है। गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में तीन डॉक्टर शामिल हैं। उनमें से एक डॉ. अदील का भाई है।

जांचकर्ताओं ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आठ में से सात कश्मीर से हैं। मुजफ्फर भी उन डॉक्टरों की टीम का हिस्सा था जिसने 2021 में मुजम्मिल गनई और उमर नबी के साथ तुर्की का दौरा किया था। पुलिस के मुजफ्फर का पता लगाने की कोशिश करने पर पता चला कि वह अगस्त में भारत छोड़कर दुबई चला गया था और माना जाता है कि वह वर्तमान में अफगानिस्तान में है। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने अल फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता निलंबित कर दी है। एआईयू की महासचिव पंकज मित्तल ने कहा, यह सूचित किया जाता है कि एआईयू के उपनियमों के अनुसार, सभी विश्वविद्यालय तब तक सदस्य माने जाएंगे जब तक वे अच्छी स्थिति में रहते हैं।बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली विस्फोट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी के सभी रिकॉर्ड का फोरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय और अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों को इस हरियाणा-स्थित संस्थान के मनी ट्रेल की जांच करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जिसमें 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए विस्फोट की प्रगति की समीक्षा की गई। इस विस्फोट में 13 लोगों की जान चली गई थी।

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