
क्या अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होगा ये इस्लामिक मुल्क, Israel को देगा मान्यता
तेल अवीव। सीरिया में 14 साल तक चले गृह युद्ध के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। अमेरिका ने सीरिया से सारे प्रतिबंध हटा लिए हैं और अब इस्लामिक मुल्क दोबारा से सामान्य जनजीवन की ओर बढ़ रहा है। आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के हालात भी सुधरे हैं। लेकिन अमेरिका की इस रियायत की अब एक वजह सामने आ रही है। दरअसल इजरायल और सीरिया के बीच पहली बार सीधी वार्ता हुई है। इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने पर कुछ ऐलान हो सकता है। इस अब्राहम अकॉर्ड के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है। मध्य पूर्व के मामलों के जानकारों का कहना है कि शायद अमेरिका ने सीरिया से सभी बैन हटाने को लेकर पहले से ही ऐसी डील की होगी कि सीरिया को इजरायल से रिश्ते सुधारना होगा। अब उसी दिशा में सीरिया बढ़ता दिख रहा है। यदि ऐसा कुछ हुआ, तब वैश्विक राजनीति में यह बड़ा बदलाव होगा क्योंकि सीरिया और इजरायल एक तरह से 1948 से ही जंग में हैं।
इस तरह अमेरिका की वजह से 77 साल पुरानी दुश्मनी खत्म होगी। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सीधी वार्ता हुई है। यह वार्ता भी बैकचैनल से संयुक्त अरब अमीरात के द्वारा कराई गई है, जो 2020 से ही अब्राहम अकॉर्ड शामिल है। दरअसल ट्रंप ने ही अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम अकॉर्ड कराया था। तब यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान इसमें शामिल हुए थे। पहली बार इस्लामिक मुल्कों ने इजरायल को मान्यता दी थी और उससे रिश्ते सामान्य किए थे। अब ट्रंप प्रशासन चाहता है कि इसका विस्तार हो, ताकि मिडल ईस्ट में शांति स्थापित हो। ट्रंप ने मई में ही तीन मिडल ईस्ट देशों का दौरा किया था। इसके अलावा सऊदी अरब में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मुलाकात की थी। इन चर्चाओं को लेकर सीरिया के लेखक ने कहा कि ऐसा होना मुझे को मुश्किल लग रहा है। उन्होंने कहा कि सीरिया के इजरायल के करीब जाना इसलिए मुश्किल है क्योंकि 1967 की जंग से रिश्ते बहुत खराब हो गए थे। इजरायल ने हमारे हिस्से वाले गोलान हाइट्स पर कब्जा जमा रखा है। उस पर भी कुछ फैसला हो, तभी ऐसा संभव है।
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