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Trump का टैरिफ का अमेरिका में हो रहा विरोध, लोग बता रहे इसे आर्थिक पागलपन

Trump का टैरिफ का अमेरिका में हो रहा विरोध, लोग बता रहे इसे आर्थिक पागलपन

अरबपति बिजनेसमैन ने कहा- यह निवेश और बाजार में विश्वास खत्म कर रहा

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद से दुनिया उथल पुथल मची है। ट्रंप के कदम से वैश्विक व्यापार में हचल है और अर्थशास्त्रियों से लेकर आम लोगों तक में डर है। ट्रंप के मुताबिक वह दुनिया के देशों पर टैरिफ लगाकर अमेरिका को लूट से बचा रहे हैं, लेकिन अब उनके इस दावे की हवा निकलती दिख रही है। अमेरिका के बिजनेस भी ट्रंप के टैरिफ को देखकर डरे हैं। ट्रंप के कट्टर समर्थक भी अब उन्हें ‘यह आर्थिक पागलपन’ बंद करने को कह रहे हैं। मशहूर बिजनेसमैन बिल एकमैन ने एक्स पर लिखा कि जो चीजें हो रही हैं, इसलिए ट्रंप को वोट नहीं दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में पिछले ढाई महीनों से ट्रंप की नीतियों के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है। ‘हैंड्स ऑफ’ प्रदर्शनों ने 50 राज्यों को हिला कर रख दिया है। बिल एकमैन ने ट्रंप को चेतावनी दी है कि वह टैरिफ को रोक दें, वरना देश खुद ही तबाही की ओर बढ़ेगा। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति ने टैरिफ को वैश्विक मुद्दा बनाकर सही शुरुआत की थी, लेकिन अब यह एक खतरनाक मोड़ ले चुका है। सभी देशों पर एक साथ भारी टैरिफ लगाना आर्थिक युद्ध छेड़ने जैसा है। यह अमेरिका में व्यापार, निवेश और बाजार के लिए विश्वास को खत्म कर रहा है।

उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि कैसे उन्होंने दोस्तों और अपने विरोधियों पर एकसमान टैरिफ लगाया। टैरिफ 9 अप्रैल से लागू हो जाएगा, उससे पहले उन्होंने ट्रंप को सुझाव दिया है कि 9 अप्रैल से पहले 90 दिनों का टैरिफ होल्ड करें। बातचीत करें, और इस संकट को टालें। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम ‘आर्थिक न्यूक्लियर विंटर’ की ओर बढ़ रहे हैं, जिसकी कीमत हमारे नागरिक चुकाएंगे। खासकर वे गरीब लोग जिन्होंने ट्रंप को वोट दिया है। उन्होंने चेतावनी दी, ‘बिजनेस आत्मविश्वास का खेल है, और राष्ट्रपति इसे खो रहे हैं. कोई भी सीईओ या बोर्ड इस अनिश्चितता में बड़े निवेश नहीं करेगा। ट्रंप का ताजा टैरिफ को कई एक्सपर्ट्स आर्थिक आत्महत्या मान रहे हैं। शनिवार को 6 लाख से ज्यादा लोगों ने देशभर में प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारी टैरिफ के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में कटौती, सार्वजनिक सेवाओं की फंडिंग में कटौती से नाराज हैं।

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