हमारे सैनिकों के पराक्रम का लोहा मानता है विश्व- Commanding Officer Akhil Sharma
ग्वालियर/ युद्ध कोई भी हो शत्रु पर विजय का हमारी सेना का इतिहास रहा है 1962 , 1965 , 1971 के युद्ध का इतिहास अगर हम देखेंगे तो हमारी सेना ने शत्रु को अपने साहस और पराक्रम से हर परिस्थिति में हराया है फिर शत्रु कितने भी सुरक्षित जगह पर रहा हो हमारी सेना हर स्थिति में बरसात का मौसम हो सर्दी का मौसम हो गर्मी का मौसम हो बर्फीली चोटियां हो ऑक्सीजन की कमी हो लेकिन हमारे बहादुर सेना ने शत्रु को हर मोर्चे पर हराया है 1999 कारगिल युद्ध का इतिहास अगर हम देखें वहां का भूभाग गहरी गहरी खाईयो वाला और उन खाइयों के बीचऊँची ऊँची बर्फ से ढ़की पहाड़ियां ।शत्रु ऊपर और हमारी सेना नीचे ।दुश्मन तक पहुंचने का कोई भी रास्ता नहीं ,इसके बाबजूद हमारे वीर योद्धा शत्रु तक पहुंचे भी ओर उनकी गर्दन को भी मरोड़ा तब सारे विश्व ने हमारी सेना के पराक्रम को जाना उक्त उदगार कमाण्डर अखिल शर्मा ने कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था एवं नगर निगम ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान मेंअयोजित कारगिल शहीद सरमन सिंह के बलिदान दिवस श्रद्धांजलि समारोह में व्यक्त किये कमाण्डर अखिल शर्मा ने कहा हमारी सेना के कारण कोई भी देश हमारी तरफ आँख उठाने का साहस नही कर पाता है राकेश जादोन्न ने कहा जब तक सैनिक सीमा पर मुस्तेद हैं तभी तो सन्त शांति से साधना कर पा रहे हैं और हम सब चेन से जीवन यापन कर पा रहे हैं इसलिये हम सबका दायित्व बनता है कि हम सब देश वासी इन अमर बलदानियो को हमेशा याद करते रहे ,नमन करते रहें कार्यक्रम के प्रारंभ में शहीद सरमन सिंह के चित्र पर पुष्प चक्र कमांडिंग ऑफिसर अखिल शर्मा ,आई पी एस अखिलेश रेनवाल, पुलिस लाइन आर आई रणजीत सिंह सिकरवार, टी आई जितेंद्र सिंह तोमर,सूबेदार अजय सिंह,के,रामसिंह तोमर,राकेश जादोन, ड्रॉ मानवेंद्र सिंह, विहवल सेंगर आदि ने अर्पित किए इस अवसर पर वीर नारियों का सम्मान किया गया जिनमें मुख्य रूप से शहीद राम दत्त सिंह की वीर नारी शकुंतला देवी , शहीद रवि कुमार के पिताजी सूबेदार विजय बहादुर सिंह जादौन ,शहीद योगेंद्र गुर्जर की वीर नारी उर्मिला गुर्जर,शहीद सरमन सिंह की वीर नारी सरोज कुमारी का सम्मान किया गया आयोजन कारगिल शहीद सरमन सिंह पार्क(कारगिल युद्ध शौर्य स्मारक) बहोड़ापुरथाने के बगल से जेल रोड़ ग्वालियर पर किया गया कार्यक्रम में 527 कारगिल युद्ध के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर कमांडर अखिल शर्मा ने सेल्यूट किया। साथ ही बड़ी संख्या में सेना मुख्यालय से अधिकारी ,जवान एवं एनसीसी केडेट्स , स्थानीय नागरिकगणों ने अमर शहीद सरमन सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित कर सेल्यूट किया वही बलिदान दिवस कार्यक्रम की अंतिम श्रृंखला में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अमर शहीदों को शाम- 6:30 बजे काव्यांजलि के माध्यम से नमन किया।
कवि सम्मेलन में कवियों की वाणी
जो अपने प्राण देकर भारती का मान रखते हैं,
समूचे विश्व में सबसे अलग स्थान रखते हैं,
तिरंगा हाथ में लेकर खड़े हैं सरहदों पर जो,
वो अपने दिल में अपना देश हिंदुस्तान रखते हैं।
- रवीन्द्र रवि
कभी शोला तो कभी अंगार हूं मैं।
सीमा पर डटे वीर सपूतों की हुंकार हूं मैं।।
वतन के खातिर जां लुटाने को तैयार हूं मैं ,
फक्र हैं मुझे भारत माता की जय जय कार हूं मैं।
- लक्ष्मीकांत निर्भीक ( सिंगरौली)
देश की सुरक्षा हेतु ,पापा मेरे जाना तुम,
इस बार जंग पापा,जीत कर के आना तुम,
इस बार कोई भी, खिलौने न दिलाना तुम,
दुश्मनो की पापा,खाल खीच कर के आना तुम ।
- कवि वीरेंद्र विद्रोही (ललितपुर)
दुख नहीं मुझे कुछ, ख़ुशी इस बात की है,
जब तक जिया मैंने खूब पहरा दिया।
हुआ जो शहीद, मुझे मौत ने प्रणाम किया,
एक बार को तो मैंने मौत को डरा दिया।
वक़्त भी घमंड शहादत पे करेगा माई,
देख यह वक़्त, मैंने वक़्त ठहरा दिया।
गिरा तो भले ही पर गिरने से पहले ही,
टाइगर हिल पे तिरंगा लहरा दिया।
- कवि मोहित सक्सेना (आगरा)
देश हित में प्राण देने वालों की
याद हरदम हमको आनी चाहिए
पीढियां भी जान लें उस त्याग की
युगों तक कहानी सुनानी चाहिए।
- प्रीति कुशवाह
मतलब के हैं सब गठबंधन।
सभी दोगलों का अभिनंदन।
साँप वहीं सब लिपट रहे हैं,
जहाँ दिखे सत्ता का चंदन।
साजन ग्वालियरी।
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