मेनोपॉज विषय पर समाज तोडे चुप्पी: Kamya
मुंबई। मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति को “पतन नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का चरण” बताते हुए अभिनेत्री काम्या पंजाबी ने समाज में इस विषय पर व्याप्त चुप्पी को तोड़ने की अपील की है। काम्या अपनी आगामी फिल्म ‘मी नो पॉज मी प्ले’ को लेकर सुर्खियों में हैं, जो मेनोपॉज पर आधारित भारत की पहली हिंदी फीचर फिल्म है। फिल्म के बारे में बात करते हुए काम्या ने कहा, “मेनोपॉज एक शक्ति है, विराम नहीं। यह वह क्षण है जब एक महिला अपने अस्तित्व के लिए माफी मांगना बंद कर देती है और खुद को स्वीकार करना शुरू करती है।” उनके ये शब्द फिल्म की मूल भावना को दर्शाते हैं, जो महिलाओं के जीवन के एक ऐसे पड़ाव को उजागर करती है, जिसे अब तक पर्दे के पीछे रखा गया था। ‘मी नो पॉज मी प्ले’, जिसे डिजीफिल्मिंग और मिरर्रो फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया है, का उद्देश्य समाज के सबसे पुराने टैबू मेनोपॉज पर खुलकर बात करना है। फिल्म इस प्राकृतिक प्रक्रिया को “अंत” नहीं बल्कि “नई शुरुआत” के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें काम्या पंजाबी के साथ दीपशिखा नागपाल, सुधा चंद्रन, मनोज कुमार शर्मा, एमी मिसोबाह, और अमन वर्मा जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म मेनोपॉज के दौरान महिलाओं द्वारा झेले जाने वाले भावनात्मक, शारीरिक और सामाजिक परिवर्तनों को संवेदनशील तरीके से दर्शाती है। इसमें साहस, आत्म-स्वीकृति और पहचान जैसे विषयों को केंद्र में रखा गया है, जिन्हें बॉलीवुड में अब तक बहुत कम दिखाया गया है। यह प्रोजेक्ट लेखक और निर्माता मनोज कुमार शर्मा की किताब पर आधारित है।
फिल्म का निर्देशन समर के मुखर्जी ने किया है, जबकि सिनेमैटोग्राफी अकरम खान ने संभाली है। निर्देशक मुखर्जी ने इस फिल्म को “अपने आप में एक आंदोलन” बताया, वहीं निर्माता शर्मा के अनुसार, “यह फिल्म समाज की उस चुप्पी का आईना है, जो महिलाओं के सबसे स्वाभाविक बदलावों को भी अनकहा छोड़ देती है।” काम्या पंजाबी ने आगे कहा, “हमने बचपन से लेकर गर्भावस्था तक हर विषय पर खुलकर बात की है, लेकिन मेनोपॉज पर आज भी लोग असहज हो जाते हैं। अब इसे बदलने का समय आ गया है। महिलाएं इस दौर में खुद को खोती नहीं, बल्कि नए रूप में खोजती हैं।” फिल्म ‘मी नो पॉज मी प्ले’ 28 नवंबर 2025 को रिलीज होगी।
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