Preeti Ganguly की अनोखी कॉमिक टाइमिंग ने दिलों में बनाई जगह
मुंबई । बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति गांगुली की सादगी, सहजता और अनोखी कॉमिक टाइमिंग ने उन्हें दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए जगह दिलाई। प्रीति गांगुली भले ही वह आज दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका काम और उनकी हंसी आज भी लोगों की यादों में जिंदा है। मुंबई में 17 मई 1953 को जन्मी प्रीति गांगुली का संबंध एक प्रतिष्ठित फिल्मी परिवार से था। उनके पिता अशोक कुमार भारतीय सिनेमा के इतिहास के महानतम अभिनेताओं में गिने जाते हैं, जबकि उनके चाचा किशोर कुमार संगीत और अभिनय दोनों में अद्वितीय थे। ऐसे माहौल में जन्मी और पली-बढ़ी प्रीति के भीतर अभिनय स्वाभाविक रूप से था, लेकिन उन्होंने स्टारडम के लिए ग्लैमरस रास्ता नहीं चुना। उन्होंने खुद को कॉमिक किरदारों तक सीमित रखा और इस रास्ते पर चलकर भारतीय सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई। 1970 के दशक में फिल्मों में कदम रखने के बाद वे कई फिल्मों का हिस्सा बनीं, लेकिन 1978 में आई फिल्म ‘खट्टा मीठा’ ने उनकी पहचान को एक नई ऊंचाई दी। फिल्म में उनके द्वारा निभाया गया फ्रेनी सेठना का किरदार आज भी याद किया जाता है। अमिताभ बच्चन के दीवाने फैन की भूमिका में उनकी अदाकारी और कॉमिक टाइमिंग इतनी प्रभावशाली थी कि दर्शक आज भी उस किरदार को याद करते हैं।
इसके बाद उन्होंने ‘रानी और लालपरी’, ‘बालिका वधु’, ‘खेल खेल में’, ‘अनुरोध’, ‘दिल्लगी’, ‘साहेब बहादुर’, ‘दामाद’, ‘क्रांति’, ‘उत्तर दक्षिण’ जैसी कई फिल्मों में काम किया और हर बार अपने मासूम, चुलबुले अंदाज से लोगों को प्रभावित किया। कैरियर के बीच में उन्होंने अपने जीवन में बड़ा परिवर्तन किया और लगभग 50 किलो वजन कम किया। यह निर्णय उनके स्वास्थ्य के लिहाज से महत्वपूर्ण था, लेकिन इसके बाद फिल्मों के ऑफर धीरे-धीरे कम होने लगे। फिल्मी दुनिया से दूरी के बाद उन्होंने 1993 में अपने पिता के नाम पर ‘अशोक कुमार एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स’ की स्थापना की और नए कलाकारों को अभिनय की शिक्षा देने में खुद को समर्पित कर दिया। काफी समय बाद 2005 में आई फिल्म ‘आशिक बनाया आपने’ में वे फिर पर्दे पर नजर आईं, लेकिन यही उनका आखिरी बड़ा फिल्मी किरदार साबित हुआ। 2 दिसंबर 2012 को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया।
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