पाकिस्तानी Army का काम व्यापार करना नहीं है वह इससे दूर रहे: अब्बासी
शहबाज सरकार ने पेश किया बजट, रक्षा खर्च बढ़ाने पर अब उठने लगे सवाल
इस्लामाबाद। पाकिस्तान इस समय महंगाई और कर्ज से दो चार हो रहा है। इससे निपटने के लिए वह अपने दोस्त देशों से कर्ज मांगने से भी नहीं शरमा रहा है। इसी बीच पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार ने देश का बजट पेश किया था। पाकिस्तान ने अपने 2024-25 के बजट में रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपए की भारी भरकम रकम तय की है। भले ही पाकिस्तान देश में खर्च चलाने के लिए आईएमएफ से कर्ज मांग रहा है लेकिन सेना के लिए उसने अपना बजट पिछले साल के मुकाबले 278 अरब रुपए बढ़ा दिया है। देश की कमजोर अर्थव्यवस्था और महंगाई के बीच सेना के लिए भारी भरकम रकम खर्च करने पर अब आवाज उठने लगी हैं। इनमें सबसे मजबूत आवाज है पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी की, जिन्होंने सेना की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। अब्बासी ने कहा कि सेना का काम व्यापार करना नहीं है, क्योंकि व्यापारिक गतिविधियों में शामिल होने से और ज्यादा मुश्किलें आ सकती हैं।
शाहिद खाकान अब्बासी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मुख्य रूप से सेना का काम व्यापार करना नहीं है। संस्था को इससे दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे कई परेशानियां आ सकती हैं। पूर्व पीएम अब्बासी सेना द्वारा किए जाने वाले कई व्यवसायों की बात कर रहे थे। अब्बासी की तरह ही फरवरी में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सरकार से तय करने को कहा था कि सशस्त्र बल वाणिज्यिक गतिविधियों के बजाय रक्षा संबंधी मामलों पर ध्यान केंद्रित करें। अब्बासी ने आगे कहा कि सरकार को रक्षा खर्च पर लोगों से बातचीत करनी चाहिए। बजट पर कम से कम समिति स्तर पर बहस होनी चाहिए। कुछ बातें सार्वजनिक रूप से नहीं कही जा सकती हैं। उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में बातचीत की जा सकती है।
कम से कम सांसदों को इस बात पर भरोसे में लिया जाना चाहिए कि हम 2100 अरब रुपए की राशि कहां खर्च करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप अर्थव्यवस्था को मजबूत रखते हैं तो ही बंदूकें रख पाएंगे और सरकार चला पाएंगे। उन्होंने कहा सरकार का हर कदम अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर होना चाहिए। देश में सरकार चलाने में सेना की भूमिका पर उन्होंने कहा कि अगर संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है तो इस तरह का शासन नहीं चलना चाहिए। अब्बासी ने सामंजस्य की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि देश में तीन स्वतंत्र और निष्पक्ष होने दीजिए, आपकी व्यवस्था ठीक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनेताओं, न्यायपालिका और सेना को मिलकर काम करना चाहिए।
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