EVM के खिलाफ धरना दे रहे विपक्षी नेता गिरफ्तार, दिग्विजय सिंह बोले- PM मोदी इतना घबरा क्यों रहे हैं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्षी दलों ने गुरुवार को जंतर मंतर पर ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन का हवाला देकर प्रदर्शन की अनुमति निरस्त कर दी थी। इसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, उदित राज समेत सैंकड़ों लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
ईवीएम हटाओ मोर्चा, गैर सरकारी संगठनों, इंडिया गठबंधन, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और देश के नागरिकों के मंच की ओर से आज जंतर मंतर, नई दिल्ली पर विशाल सभा का आयोजन किया गया था। लेकिन ऐन वक्त पर दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति रद्द कर दी। इसके बावजूद लोग जब जंतर मंतर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू कर दिया। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने सभी लोगों को रायसिना रोड स्थित यूथ कांग्रेस के कार्यालय में बुलाकर वहीं पर सत्याग्रह शुरू कर दिया।
हैरानी की बात ये है कि पुलिस वहां भी पहुंच गई और लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह, उदित राज समेत अन्य को गिरफ्तार कर लिया। इसे लेकर पूर्व सीएम सिंह ने कहा कि क्या कारण है कि नरेंद्र मोदी सरकार क्यों इतनी घबरा रही है? चूँकि इस बार पूरे देश से हज़ारों लोग धरने में शामिल होने आ रहे थे जिससे घबरा कर स्वीकृति निरस्त कर दी। अब यह आंदोलन पूरे देश में EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ आंदोलन गाँव_गाँव पहुँच रहा है। क्या चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट इसे संज्ञान में लेंगे?
वहीं, मामले पर दलित नेता उदित राज ने कहा कि देश इस समय अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है। करीब 300 किलोमीटर दूर किसान आंदोलित हैं, उसको कारण बताकर जनतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। मोदी सरकार ऐसा इसलिए कर रही है कि भ्रष्टाचार, महंगाई व बेरोजगारी के खिलाफ आवाज न उठे और किसान आंदोलन न हो सके। संभव है कि 12 मार्च तक चुनाव आचार संहिता की घोषणा हो जाए और तब तक दिल्ली की राजधानी में आंदोलन न हो। आज ईवीएम के विरुद्ध जो प्रदर्शन किया गया उसकी मुख्य मांग ‘मेरा वोट मेरे हाथ – मेरी पर्ची मेरे हाथ’ है। जनतंत्र की लड़ाई हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे।
इससे पहले यूथ कांग्रेस कार्यालय पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा, 'EVM का मुद्दा 2018 से चला आ रहा है। AICC के सर्वसम्मति से पारित राजनीतिक प्रस्ताव में यह उल्लेख था कि लोगों को EVM को लेकर शंका है, इसलिए चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए। इसे लेकर कोई भी सवाल पूछने पर इलेक्शन कमीशन कोई जवाब नहीं देता है। हमें इलेक्शन कमीशन पर भरोसा नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा, 'लोकतंत्र में जनता से बढ़कर कोई नहीं होता है। हम जनता के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। BEL कंपनी EVM बनाती है, उसके चार डायरेक्टर्स भाजपा नेता हैं। मांगने पर हमें टेक्निकल कमेटी के मेंबर की रिपोर्ट नहीं दिखाई जाती है। कमेटी के सदस्य कौन होंगे? प्रधानमंत्री या उनका मनोनीत कोई मंत्री होगा। जो वो कहें, सो ठीक... ऐसा नहीं चलेगा।'
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