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  • Friday, 22 November 2024
Elvish Yadav मामले में नया मोड: थाना प्रभारी लाइन हाजिर, अभी तक नहीं मिला कोई सबूत; नोएडा पुलिस हुई किरकिरी

Elvish Yadav मामले में नया मोड: थाना प्रभारी लाइन हाजिर, अभी तक नहीं मिला कोई सबूत; नोएडा पुलिस हुई किरकिरी

नई दिल्ली । सांपों का जहर और विदेशी लड़कियां सप्लाई करने के आरोपों से घिरे बिग बॉस ओटीटी-2 के विजेता एल्विश यादव के खिलाफ मामला दर्ज होने और मामले के तूल पकड़ने के बाद नोएडा सेक्टर-49 थाना प्रभारी संदीप चौधरी को रविवार शाम को लाइन हाजिर कर दिया गया। अन्य पुलिसकर्मियों पर भी जल्द गाज गिरने की आशंका है। 

 

एल्विश पर रेव पार्टी आयोजित करने, उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने और विदेशी लड़कियां उपलब्ध कराने के आरोप में केस दर्ज हुआ था। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है। दरअसल एक दिन पूर्व एल्विश यादव को राजस्थान में पुलिस ने पकड़ने के बाद नोएडा पुलिस से संपर्क किया, लेकिन नोएडा पुलिस ने तब उसके मामले में जांच होने की बात कहते हुए उसे वॉन्टेड मानने से इनकार कर दिया। नोएडा पुलिस की इस रवैए के बाद एल्विश को राजस्थान पुलिस ने छोड़ दिया था और यह मामला भी खासा सुर्खियों में रहा। इसके बाद से ही इस प्रकरण में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही थी। वहीं दूसरी तरफ एल्विश यादव ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, नाम के साथ बदनामी भी आती है, जलने वाले भी बढ़ते हैं। मैं हैरान नहीं होऊंगा कि आने वाले टाइम में मुझ पर और भी इल्जाम लगेंगे। मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है। श्री राम पर भरोसा है। ये टाइम भी जल्दी बीतेगा। मामला हाईप्रोफाइल हो जाने के बाद पुलिस संभल-संभल कर कदम आगे बढ़ा रही है। पीपुल फॉर एनिमल (पीएफए) सदस्य के दावे भर से एल्विश के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया गया पर अभी तक की जांच में यूट्यूबर का मामले से सीधा संबंध निकल कर सामने नहीं आया है। नोएडा पुलिस का कहना है कि उसने अभी तक न तो एल्विश को क्लीनचिट दी है और न ही उसे आरोपी माना है।अपर पुलिस आयुक्त कानून और व्यवस्था आनन्द कुलकर्णी का कहना है कि लाइन हाजिर की कार्रवाई क्षेत्र में अपराध पर अंकुश न लगा पाने और विवेचना में लापरवाही बरतने के मामले में हुई है। चर्चित यूट्यूबर एल्विश और जेल भेजे गए आरोपी राहुल के बीच का कनेक्शन जोड़ने में नोएडा पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। सूरजपुर कोर्ट के वरिष्ठ वकील देवेंद्र राहुल ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत किए गए अपराध में तीन से सात साल तक की सजा है। इसमें गिरफ्तारी नहीं हो सकती। अगर पुलिस द्वारा कोई गिरफ्तारी की जाती है तो उसे कोर्ट को कारण बताना होगा। एल्विश के मामले में अभी तक पुलिस के पास ऐसा कोई कारण नहीं मिला है, जिसमें पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर सके।इस मामले में एल्विश की गिरफ्तारी होगी या सिर्फ नोटिस की कार्रवाई कर मामले को क्लोज कर दिया जाएगा। इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। पुलिस का कहना है कि अगर आवश्यकता हुई तो एल्विश से संपर्क कर उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। 

 

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