Paris ओलंपिक में उठे कई विवाद
पेरिस। पेरिस ओलंपिक शुरु हुए एक सप्ताह हो गया है। इस दौरान कई विवाद भी सामने आये हैं। ये विवाद उद्घाटन समारोह से ही शुरु हो गये थे। सबसे पहले रंगारंग समारोह के दौरान दिखाई झांकी को लेकर विवाद हुआ। यह झांकी मशहूर पेंटर लियोनार्दो की पेंटिंग ‘द लास्ट सपर’ से प्रेरित थी जिसमें देवदूतों की जगह अजीबोगरीब मैकअप किए गए ड्रैग क्वींस खड़े थे। इस झांकी पर दुनियाभर के कई देशों ने विरोध जताया जिसके बाद आयोजकों को माफी मांगनी पड़ी। इजरायली जूडोका से ताजिकिस्तान के खिलाड़ी ने हाथ मिलाने से मना किया ओलंपिक में फिलिस्तीन-इजरायल विवाद का असर भी देखने को मिल रहा। जूडो इवेंट में इजराइल के बरुच शामिलोव और ताजिकिस्तान के नूराली इमोमाली के बीच मुकाबला हुआ। इसमें ताजिकिस्तान के जूडोका ने जीत हासिल की लेकिन मुकाबले के बाद इजरायल के खिलाड़ी से हाथ मिलाने से मना कर दिया। ताजिकिस्तान का ये खिलाड़ी अगले मुकाबले में बाहर हो गया।
ब्रिटेन के तैराक को अयोग्य घोषित करने पर उठे सवाल तैराकी मुकाबले में उस समय विवाद की स्थिति बनी जब पेरिस ओलंपिक की 200 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट की चौथी हीट में ब्रिटिश स्वीमर ल्यूक ग्रीनबैंक को अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसा लगा कि मुकाबले में ग्रीनबैंक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है पर उन्हें इस आधार पर अयोग्य माना गया कि वे स्टॉर्ट लेने के 15 मीटर के बाद भी पानी के अंदर थे जिसकी इजाजत नहीं है। ग्रीनबैंक इस इवेंट मेडल के दावेदारों में थे, ऐसे में उन्हें डिसक्वालिफाई किए जाने के फैसले पर खूब टीका टिप्पणी हुई। इसी इवेंट के सेमीफाइनल में चीन के मशहूर स्वीमर झु जिआयू के नहीं उतरने पर भी सभी ने सवाल उठाये। ‘हेडस्कार्फ’ पर प्रतिबंध पेरिस ओलंपिक के दौरान फ्रांस का हिजाब कानून भी विवादों पर रहा। फ्रांस ने अपनी महिला एथलीट के हेडस्कार्फ पहनकर मैदान में मुकाबले के लिए उतरने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
फ्रांस के खेल मंत्री पिछले साल ही यह ऐलान कर चुके हैं कि देश की कोई भी महिला खिलाड़ी ओलंपिक में हेडस्कार्फ पहनकर हिस्सा नहीं ले सकेगी। वैसे ओलंपिक 2024 में दूसरे देशों की महिला एथलीट हेडस्कार्फ पहनकर मैदान में उतर रही हैं। फ्रांस सरकार के इस फैसले का मुल्क में एक तबके द्वारा विरोध करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया जा रहा है। महिला मुक्केबाजी में जेंडर टेस्ट का मामला उठा ओलंपिक में अल्जीरिया की इमान खलीफा और इटली की महिला मुक्केबाज एंजेला कारिनी के मुकाबले में भी जेंडर टेस्ट को लेकर विवाद उठा। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (आईओसी) को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।
इसकार कारण था कि खलीफा जेंडर एलिजबिलिटी टेस्ट ’ में नाकाम रही थी और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बाउट में 46 सेकंड के बाद ही इटली की बॉक्सर कारिनी ने रोते हुए मैदान छोड़ दिया था। उन्होंने मुकाबले में अपने साथ अन्याय बताते हुए खलीफा से हाथ मिलाने से भी मना दिया। रैफरी द्वारा खलीफा को विजेता घोषित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। इटली के पीएम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जिन एथलीटों में पुरुष आनुवंशिक विशेषताएं हैं उन्हें महिलाओं की इवेंट में भाग लेने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।’ वहीं आईओसी ने विवादित मुक्केबाज को ओलंपिक 2024 में खेलने की इजाजत देने के फैसले का बचाव किया।
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