इजराइली सुप्रीम कोर्ट अब सरकारी आदेश नहीं बदल सकेगा, न्यायिक सुधार विधेयक पास
तेल अवीव। इजराइल में 29 हफ्तों से जारी प्रदर्शन के बावजूद ज्यूडिशियल ओवरहॉल बिल का अहम हिस्सा पास हो गया। बिल पर वोटिंग के दौरान हजारों इजराइली तेल अवीव की सडक़ों पर प्रदर्शन करते रहे। उन्होंने कहा कि बेंजामिन नेतन्याहू अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन की तरह हो गए हैं। वो देश को तानाशाही की ओर धकेल रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आज इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन और तेज करने की चेतावनी दी है। मेडिकल एसोसिशन ने भी 24 घंटे हड़ताल का ऐलान किया है। हालांकि, इमरजेंसी सर्विसेस पर इसका असर नहीं पड़ेगा। नए कानूनी बदलाव के तहत अब इजराइल में सुप्रीम कोर्ट सरकार के किसी भी फैसले को गलत बताकर खारिज नहीं कर सकेगा।
नॉर्थ कोरिया का झंडा भी लहराया
कानूनी बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नारे लगाए- लोकतंत्र या विद्रोह। उन्होंने कहा कि इजराइल में तानाशाही नहीं चलेगी। इस दौरान कई पत्रकारों पर भी हमले हुए। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य बेगिन हाईवे को बंद कर दिया। कुछ प्रदर्शनकारी नेतन्याहू की तानाशाही का विरोध करने के लिए नॉर्थ कोरिया का झंडा लिए भी नजर आए। पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
विपक्ष ने बिल पर वोटिंग का बायकॉट किया
सोमवार को बिल पर वोटिंग के दौरान विपक्ष के सभी 56 सदस्यों ने इसका बायकॉट किया। इसके बाद बिल 64-0 वोट से पास हो गया। इजराइल के नेशनल प्रोटेस्ट मूवमेंट ने नेतन्याहू को देश की एकता में पड़ी दरार, सेना और अर्थव्यवस्था चौपट होने का जिम्मेदार ठहराया। नेशनल प्रोटेस्ट ने कहा कि ऐसे नेता से बात करने का कोई मतलब नहीं है जिसने खुद को रूस के राष्ट्रपति पुतिन जैसा बना लिया हो और देश को तानाशाही की तरफ धकेलने का फैसला ले लिया हो। हम नेतन्याहू से आखिर तक लड़ेंगे ताकि इजराइल एक उदार लोकतंत्र बना रहे।
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