Dark Mode
  • Friday, 18 October 2024
अस्पतालों में छिप रहें हैं Hamas के आतंकी, इजरायल वहां भी कर देता है ढेर

अस्पतालों में छिप रहें हैं Hamas के आतंकी, इजरायल वहां भी कर देता है ढेर

तेल अवीव। जान बचाने के लिए छिपते छिपाते फिर रहे हमास के आतंकियों को इजरायल के सैनिक चुन चुन कर मार रहे हैं। आतंकियों ने अब अस्पताल को सुरक्षा कवच के रुप में इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है। यहां आतंकी छुपते हैं ताकि इजराइल हमला न करे और उनकी जान बची रहे। जबकि इजरायल इतना ज्यादा गुस्से में है कि वो युद्ध विराम की सलाह भी किसी देश की नहीं मान रहा है, और न ही हमास के आतंकियों पर कोई रहम खा रहा है। एक ही जुनून है कि हमास के आतंकी जहां मिले उन्हे कुचल दिया जाए। इसी सोच के चलते बीती रात इजरायल ने एक अस्पताल पर एयर स्ट्राइक कर 22 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।


बीते एक माह से इजरायल और हमास के बीच जंग चल रही है। जिसके चलते गाजा पट्टी के एक अस्पताल पर हमला हुआ और 22 लोगों की मौत हो गई। फिलिस्तीन ने इजरायल पर हमला करने का आरोल लगाया। जिसे इजरायली डिफेंस फोर्स ने सिरे खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा के अल-शिफा अस्पताल को दो दिनों से इजरायल ने घेर रखा था। इजरायल का कहना है कि यहां आतंकी छिपे थे। गाजा के उत्तरी युद्ध क्षेत्र से जान बचाकर भाग रहे फलस्तीनी नागरिकों ने कहा कि गाजा शहर के मध्य में स्थित शिफा अस्पताल में शरण लिए हुए हजारों लोग रात भर हुए धमाकों के बाद वहां से भाग गए। इजराइल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अस्पताल में 80,000 लोग शरण लिये हुए थे।


अस्पताल से भागे लोगों में से कुछ ने कहा कि इमारत में सैकड़ों बुरी तरह से घायल मरीज और चिकित्सक ही रह गए हैं। वहीं, फोन और इंटरनेट सेवा बाधित होने के चलते शिफा के अस्पताल के चिकित्सकों से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया। हमास शासित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल-हमास युद्ध में मरने वाले फलस्तीनी नागरिकों की संख्या 11,000 को पार कर गई है। इजरायल के हमलों से गाजा पट्टी स्थित आवास इकाइयों में आधे से अधिक को नुकसान पहुंचा है और उनमें से 40,000 से अधिक को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। फिलिस्तीनी एन्क्लेव की सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि गाजा में 50 प्रतिशत से अधिक आवास इकाइयां इजरायल के हवाई हमलों और गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हो गयीं तथा 40,000 से अधिक आवास इकाइयां पूरी तरह से नष्ट हो गयी है। लोग बेघर हुए है और उनकी बुनियादी जरुरतों का भी टोटा है।

Comment / Reply From

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!