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इंसानों के रहने लायक नहीं बचेगी Earth

इंसानों के रहने लायक नहीं बचेगी Earth

 

  • जल्दी हालात काबू नहीं किए तो हो जाएगी देर


वाशिंगटन। वैज्ञानिकों की माने तो एक समय ऐसा आएगा जब पृथ्वी इंसानों के रहने लायक नहीं बचेगी। अगर हमने जल्दी हालात काबू नहीं किए तो स्थिति हमारे हाथ से निकल जाएगी और हम केवल मूक दर्शक होकर अपना तमाशा देखने को मजबूर हो जाएंगे। इस तरह की बातें पिछले कुछ सालों से हमारे जलवायु वैज्ञानिक कर रहे हैं। लेकिन नए अध्ययन में यह बताया गया है कि अगर वार्मिंग ऐसी चलती रही तो जल्दी ही दुनिया के कई इलाके इंसान के रहने लायक नहीं रहेंगे जिसमें भारत की कुछ जगहें भी शामिल हैं।पेनसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी की शोधकर्ताओं ने पाया है कि यदि पृथ्वी का औसत तापमान केवल एक ही डिग्री सेल्सिलयस बढ़ जाता है तो उससे लोगों को असहनीय गर्मी और उमस झेलनी पड़ेगी जिससे उनका शरीर खुद को ठंडा करने की स्थिति में नहीं रह पाएगा।
शोध में यह भी पाया कि यदि तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ा तो पूरी दुनिया में इंसानों की सेहत पर इसका बहुत ही बुरा असर होगा और यदि औसत तापमान 2 डिग्री सेल्सियस और बढ़ा तो भारत और पाकिस्तान के सिंधु नदी घाटी और उसके आसपास के इलाके के साथ ही पूर्वी चीन, अफ्रीका के उपसहारा इलाकों में ऐसी असहनीय गर्मी बढ़ जाएगी।


ऐसे में इन इलाकों में उच्च आर्द्रता और ग्रीष्म लहरों के कारण इन क्षेत्रों की आर्थिक सामाजिक स्थिति बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगी, यानी कि वे रहने लायक नहीं रहेंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ज्यादा संभव है कि प्रभावित लोगों की अधिकांश ठंडक के उपायों तक पहुंच नहीं होगी जिससे उनकी सेहत के जोखिम कई गुना बढ़ जाएंगे। शोध के प्रमुख लेखक डिनियल वेसेलियो के मुताबिक अगर तापमान में इजाफा 3 डिग्री अधिक तक पहुंचा तो अमेरिका के पूर्वी और कुछ मध्य इलाकों के साथ, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी इंसानों के लिए बहुत ही ज्यादा गर्म हो जाएंगे।

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