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  • Friday, 22 November 2024
गुजरात में बीजेपी का किला भेदने Congress-AAP ने मिलाया हाथ

गुजरात में बीजेपी का किला भेदने Congress-AAP ने मिलाया हाथ

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर सात मई को मतदान


अहमदाबाद। गुजरात के आदिवासी बहुल इलाकों पर कभी कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी जमीन खिसकती गई और बीजेपी जमती गई। अब लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने इसपर नए सिर से ध्यान देने शुरु कर दिया है। इस लोकसभा चुनाव 2024 में गुजरात की आदिवासी बहुल सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप ) की नजर है। यहां भारतीय जनता पार्टी के ‘किले’ को भेदने के लिए कांग्रेस-आप ने हाथ मिलाया है। पिलछे माह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आदिवासी क्षेत्रों से गुजरी थी। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपनी करारी हार से सबक लिया है जब आदिवासी क्षेत्र में बीजेपी विरोधी वोट ‘आप’, कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में विभाजित हो गए थे। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने केजरीवाल की पार्टी आप के साथ गुजरात लोकसभा सीट को लेकर समझौता किया। कांग्रेस ने सीट बंटवारे में ‘आप’ को भरूच और भावनगर सीट दी है।.

भरूच के गैर-आरक्षित सीट होने के बावजूद, बीजेपी के साथ-साथ ‘इंडिया’ गठबंधन ने आदिवासियों को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां बीजेपी के मौजूदा सांसद मनसुख वसावा का मुकाबला ‘आप’ के डेडियापाड़ा विधायक चैतर वसावा से होगा। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सत्तारूढ़ दल की इन आदिवासी क्षेत्रों पर पकड़ मजबूत है। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर सात मई को मतदान होना है। इनमें से दाहोद, छोटा उदयपुर, बारडोली, वलसाड अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं जबकि भरूच सामान्य सीट है, लेकिन वहां आदिवासियों की अच्छी खासी आबादी है। आप ने 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव में भरूच लोकसभा सीट के तहत आने वाले डेडियापाड़ा (एसटी) विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर आदिवासी क्षेत्रों में पैठ बनाने का संकेत दिया है।


जहां विपक्षी गठबंधन आदिवासी क्षेत्र में अपना खाता खोलने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है, वहीं वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि यह इतना आसान नहीं होगा। हालांकि ऐसा लगता है कि चैतर वसावा भरूच में बीजेपी को कड़ी टक्कर देंगे, लेकिन उनकी जीत की संभावना कम है क्योंकि उन्होंने एक विधानसभा सीट से जीत हासिल की है और एक लोकसभा सीट में कई विधानसभा क्षेत्र शामिल होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई आदिवासी नेता कांग्रेस से बीजेपी में चले गए हैं। बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के वलसाड (एसटी) उम्मीदवार अनंत पटेल ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और ‘आप’ को मिले मतों को मिला दें तो हम 59 सीट पर बीजेपी से आगे थे। उन्होंने कहा कि इस बार गठबंधन की वजह से इस लोकसभा चुनाव में हम चार एसटी-आरक्षित सीट भारी अंतर से जीतेंगे।

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