सुपर ओवर में बड़ा विवाद: Vaibhav Suryavanshi को बाहर बैठाकर भारत ने गंवाया फाइनल का टिकट
दोहा। दोहा में खेले गए एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ए टीम की हार जितनी रोमांचक थी, उतनी ही विवादों से घिरी भी रही। मैच का फैसला सुपर ओवर में हुआ, लेकिन इसी ओवर ने टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। पावर हिटर वैभव सूर्यवंशी को बल्लेबाजी का मौका न देना टीम के बाहर होने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। युवा बल्लेबाज डगआउट में बेचैन बैठे रहे, उनके चेहरे पर मायूसी साफ दिख रही थी, लेकिन कोच सुनील जोशी और कप्तान जितेश शर्मा ने उन्हें मैदान पर भेजने का फैसला नहीं लिया। 40 ओवर के संघर्ष के बाद दोनों टीमों का स्कोर 194-194 रन पर बराबर रहा। सुपर ओवर में भारत ने पहले बल्लेबाजी की, लेकिन टीम ने हैरान कर देने वाला फैसला लिया। कप्तान जितेश शर्मा और रामनदीप सिंह को ओपनिंग के लिए भेजा गया, जबकि वैभव सूर्यवंशी जैसे विस्फोटक बल्लेबाज को डगआउट में ही रोके रखा गया। वैभव को देखकर साफ समझ आ रहा था कि वे बल्लेबाजी को बेताब हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। पहली गेंद पर कप्तान जितेश क्लीन बोल्ड हो गए और भारत की रणनीति शुरुआत से ही बिखर गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कप्तान के आउट होने के बाद भी कोच ने वैभव सूर्यवंशी को भेजने का फैसला नहीं किया।
तीसरे नंबर पर अशुतोष शर्मा को उतारा गया, लेकिन वे भी पहली ही गेंद पर आउट हो गए। सुपर ओवर में टीम के पास सिर्फ तीन बल्लेबाज उतरने का मौका होता है और दो विकेट गिरते ही पारी समाप्त हो जाती है। ऐसे में भारत की पूरी प्लानिंग धराशायी हो गई और वैभव बिना खेले ही वापस लौटने पर मजबूर हो गए। बांग्लादेश को जीत के लिए बेहद आसान लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने एक वाइड बॉल पर ही हासिल कर लिया। भारत का फाइनल तक का सफर सुपर ओवर में लिए गए दो गलत फैसलों की वजह से थम गया। मैच के बाद फैंस भी टीम मैनेजमेंट की आलोचना करते नजर आए और यह सवाल उठाने लगे कि जब टीम को मैच जिताने के लिए पावर हिटर की जरूरत थी, तब वैभव सूर्यवंशी को क्यों रोका गया? यह हार ना सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि करोड़ों भारतीय फैंस के लिए मायूसी लेकर आई है और आने वाले समय में इस फैसले पर लंबी चर्चा होना तय है।
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