Film Dhurandhar का ट्रेलर रिलीज होते ही इंटरनेट पर छाया
मुंबई। बालीवुड फिल्म निर्माता आदित्य धर की महत्वाकांक्षी फिल्म धुरंधर का ट्रेलर रिलीज होते ही इंटरनेट पर छा गया है। रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना, आर. माधवन और अर्जुन रामपाल जैसे दमदार कलाकारों की मौजूदगी ने दर्शकों का ध्यान खींचा, लेकिन ट्रेलर के अंत में उभरती एक अप्रत्याशित धुन ने लोगों को वास्तविक तौर पर भावुक कर दिया। तनावपूर्ण माहौल के आखिरी पलों में जैसे ही मशहूर कव्वाली “ना तो कारवां की तलाश है” की धुन सुनाई देती है, सोशल मीडिया नोस्टालगिया से भर उठता है। निर्देशक सुजॉय घोष ने भी इस संगीतात्मक स्पर्श की सराहना करते हुए इसे भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग की शानदार वापसी बताया। 1960 की क्लासिक फिल्म बरसात की रात में पहली बार प्रस्तुत की गई यह कव्वाली भारतीय फिल्म संगीत की धरोहर मानी जाती है। 12 मिनट लंबा यह प्रतिष्ठित कव्वाली सीक्वेंस आज भी संगीत प्रेमियों के बीच अमर है। संगीतकार रोशन जो ऋतिक रोशन के दादा थे ने इसकी धुन तैयार की थी और इसके गहरे बोल लिखे थे महान गीतकार साहिर लुधियानवी ने।
मन्ना डे, आशा भोसले, मोहम्मद रफी, सुदा मल्होत्रा और एस.डी. बटिश की सम्मोहक आवाज़ों ने इसे अनोखी ऊँचाई दी। इस गीत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बरसात की रात अपनी रिलीज़ के समय साल की दूसरी सबसे बड़ी हिट बनी थी। धुरंधर में इस कविता-सरीखी कव्वाली को फिर से पेश करना केवल एक संगीतिक चुनाव नहीं, बल्कि फिल्म के टोन को परिभाषित करने वाली एक भावनात्मक परत है। माना जा रहा है कि फिल्म पाकिस्तान में चलाए गए कुख्यात ऑपरेशन लियारी की पृष्ठभूमि पर आधारित है एक ऐसा गुप्त अभियान जो वहाँ के खतरनाक गैंग नेटवर्क के खिलाफ वर्षों तक चला। ट्रेलर से यह संकेत मिलता है कि फिल्म सत्ता, संघर्ष, अपराध और नैतिक जटिलताओं की गहराई में उतरती है।
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