Army Chief और चीफ जस्टिस की चीन यात्रा
काठमांडू। नेपाल की सरकार और उसके उच्च पदस्थ अधिकारियों के बीच चीन की पेठ बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की चीन यात्रा, 1 माह पहले संपन्न हुई है। उसके बाद नेपाल के मुख्य न्यायाधीश और सेवा प्रमुख प्रभुराम शर्मा बीजिंग जा रहे हैं। 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक वह चीन के बीजिंग में रहेंगे। चीन के नेताओं के साथ-साथ अब न्यायाधीश,सेना के बड़े-बड़े अधिकारी और शासकीय उच्च पदस्थ अधिकारी चीन के दौरे पर जा रहे हैं। चीन जिस तरह से नेपाल की कार्यपालिका, विधायिका, और न्यायपालिका के लोगों को चीन बुला रहा है। वहां पर चीन के उच्च अधिकारियों से उनकी मुलाकात कराई जा रही है। चीन की बीआरआई योजना को लागू करने पर सहमति बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है,चीन बीआरआई को नेपाल में लागू करने के लिए रणनीति बनाई है। इस रणनीति का नेपाल 2017 में हिस्सा बना था। उस समय यह योजना कारगर साबित नहीं हो पाई थी। 2019 में बिहार के लिए 35 परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया गया था। जिसे चीन और नेपाल सरकार के सहयोग से चलाना थी। अब यह परियोजनाएं घटकर 9 रह गई हैं। जिसमें पोखरा एयरपोर्ट और भैरहवा एयरपोर्ट जैसी चीनी परियोजनाएं शामिल है। चीन का नेपाल के ऊपर भारी दबाव पड़ रहा है,कि वह चीन के साथ मिलकर योजनाओं को साझा करे। वही नेपाल सतर्क है, योजनाएं काफी महंगी है। इन्हें लागू कर पाना नेपाल जैसे देश के लिए संभव नहीं है। इसके बाद भी चीन हर स्तर पर अपनी रणनीति को सफल बनाने के लिए कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अधिकारियों को लगातार चीन बुलाक्रर नेपाल पर दबाव बना रहा है। भारत के लिए यह एक खतरे की घंटी की तरह है। समय रहते भारत सरकार को इस दिशा में सतर्क होने की जरूरत है।
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