Dark Mode
  • Wednesday, 03 December 2025
5 सौ साल बाद अयोध्या में राम मंदिर शिखर पर PM Modi ने फहराया धर्म ध्वज

5 सौ साल बाद अयोध्या में राम मंदिर शिखर पर PM Modi ने फहराया धर्म ध्वज

अयोध्या। पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद सनातन धर्मावलंबियों के लिए वह स्वर्णिम क्षण आ गया, जब भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज लहराया गया। मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में ठीक 11:45 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट दबाते ही 44 फीट लंबा, करीब 700 टन वजनी अष्टधातु का दंड पर लगा विशाल भगवा ध्वज मात्र चार मिनट में शिखर पर पहुँच गया। जैसे ही ध्वज फहराया, पूरा राम जन्मभूमि परिसर “जय श्री राम” के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। इस ध्वजारोहण के साथ ही दिव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णतः संपन्न हो गया। 10 फीट ऊँचा और 20 फीट चौड़ा त्रिकोणीय ध्वज त्रेता युग के बाद पहली बार राम मंदिर पर फहराया गया। ध्वज पर भगवान श्रीराम की मनमोहक प्रतिमा, वीरता का प्रतीक चमकता सूर्य, कोविदार वृक्ष तथा पवित्र “ॐ” अंकित है। पुराणों में कोविदार को रामराज्य के राजचिह्न के रूप में वर्णित किया गया है। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहे। ध्वजारोहण से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने भव्य रोड शो किया और राम जन्मभूमि पहुँचकर सबसे पहले सप्तऋषि मंदिर में महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह तथा माता शबरी के दर्शन किए।

तत्पश्चात शेषावतार मंदिर और माँ अन्नपूर्णा मंदिर में पूजन किया। अंत में रामलला के गर्भगृह में पहुँचकर विधिवत दर्शन, पूजन और आरती उतारी। यह समस्त आयोजन मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी यानी विवाह पंचमी के पावन मुहूर्त में संपन्न हुआ। रामनगरी दुल्हन की भांति सजाई गई। रामपथ सहित सभी प्रमुख मार्गों-चौराहों को पांच सौ क्विंटल से अधिक ताजे फूलों से सुसज्जित किया गया। साकेत महाविद्यालय से लता मंगेशकर चौक तक डिवाइडर फूल मालाओं से पाट दिए गए। तीन हजार से अधिक फूलों के गमले सजाए गए। पेड़-पौधे इस तरह दुल्हन जैसे लग रहे हैं मानो रामराज्य की पुनर्स्थापना का महोत्सव चल रहा हो। रामधुन से सराबोर सड़कें और फूलों की सुगंध से महकती अयोध्या ने विश्व पटल पर अपनी गरिमा का अमिट छाप छोड़ी है। ध्वजारोहण के साथ ही भारतीय इतिहास का एक नया स्वर्णिम अध्याय लिख दिया गया।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!