Myanmar army द्वारा अस्पताल में बरसाए गए बम में अब तक 34 की मौत
हमले में मेडिकल स्टाफ की भी हुई मौत, इमारत नष्ट
रखाइन। म्यांमार की सैन्य ताकतों द्वारा किए गए हवाई हमले में एक अस्पताल पूरी तरह तबाह हो गया। यह अस्पताल एक प्रमुख विद्रोही सशस्त्र बल के नियंत्रण वाले क्षेत्र में था, जिसमें कम से कम 34 मरीजों और मेडिकल स्टाफ की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार रात पश्चिमी रखाइन राज्य के म्राउक-यू टाउनशिप में स्थित इस जनरल अस्पताल पर हुए हमले में करीब 80 अन्य लोग घायल हो गए। यह क्षेत्र जातीय अराकान सेना के नियंत्रण में है। सत्तारूढ़ सेना ने इस क्षेत्र में किसी भी हमले की कोई घोषणा नहीं की है। रिपोर्ट के मुताबिक रखाइन में बचाव सेवाओं के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब रात 9 बजे एक लड़ाकू जेट ने दो बम गिराए। इनमें से एक बम सीधे अस्पताल के रिकवरी वार्ड में गिरा, जबकि दूसरा अस्पताल की मुख्य इमारत के पास गिरा। उन्होंने बताया कि वह गुरुवार सुबह सहायता प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंचे और उन्होंने 17 महिलाओं और 17 पुरुषों की मौतें दर्ज कीं। उन्होंने कहा कि बमों से अस्पताल की ज्यादातर इमारत नष्ट हो गई और अस्पताल के पास खड़ी गाड़ियां और बाइकें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। रखाइन स्थित ऑनलाइन मीडिया ने क्षतिग्रस्त इमारतों और मेडिकल उपकरणों के मलबे की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए हैं।
उन्होंने कहा कि यह अस्पताल रखाइन के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा का मुख्य स्रोत था, क्योंकि म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के कारण अधिकांश अस्पताल बंद हो चुके हैं। डॉक्टरों ने म्राउक-यू में इकट्ठा होकर आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए इस अस्पताल को फिर से खोला था। म्राउक-यू, देश के सबसे बड़े शहर यांगून से 530 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है, जिस पर पिछले साल फरवरी में अराकान सेना ने कब्जा कर लिया था। 2021 में तख्तापलट के बाद अपनी सीटें लेने से वंचित किए गए निर्वाचित सांसदों द्वारा स्थापित म्यांमार की समानांतर राष्ट्रीय एकता सरकार ने इस हवाई हमले की निंदा की है। संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सैन्य कार्रवाई समाप्त करने, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जल्द से जल्द मानवीय सहायता प्रदान करने का दबाव बनाने का आग्रह किया है। सैन्य सरकार ने 28 दिसंबर को नियोजित चुनावों से पहले, राष्ट्रीय एकता सरकार से जुड़े सशस्त्र लोकतंत्र-समर्थक पीपुल्स डिफेंस फोर्स के खिलाफ हवाई हमलों को तेज कर दिया है। सैन्य शासन के विरोधी आरोप लगाते हैं कि ये चुनाव न तो स्वतंत्र होंगे और न ही निष्पक्ष, बल्कि सेना की शक्ति को वैध बनाने का एक प्रयास मात्र हैं।
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