
इंसानों को पानी के नीचे बसाने की तैयारी हो चुकी है शुरू
लंदन। ब्रिटेन की एक स्टार्टअप कंपनी दीप समंदर की गहराइयों में इंसानी बस्तियां बसाने का सपना देख रही है। कंपनी का मानना है कि समुद्र के भीतर रहना अब सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में हकीकत बन सकता है। कंपनी का यह विचार तब और मजबूत हुआ जब एक बायोमेडिकल इंजीनियर ने हाल ही में 100 दिन तक पानी के नीचे रहकर यह साबित कर दिया कि इंसान सीमित संसाधनों में भी समंदर के भीतर टिक सकता है। इस ऐतिहासिक प्रयोग के बाद अब यह बहस तेज हो गई है कि क्या भविष्य में लोग समुद्र के भीतर स्थायी रूप से रह सकेंगे? कंपनी ने “सबसी हेबीटेटस” यानी पानी के नीचे रहने योग्य संरचनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इस साल के अंत तक कंपनी का पहला अंडरवॉटर घर “वैनगार्ड” तैयार हो जाएगा। यह 3डी प्रिंटेड धातु से बना होगा और 325 फीट की गहराई पर तीन गोताखोरों को समायोजित कर सकेगा। इसके बाद कंपनी का अगला लक्ष्य “सेंटिनल्स” नाम की बड़ी बस्तियां बसाना है जो 656 फीट की गहराई पर “ट्वाइलाइट जोन” के पास बनाई जाएंगी।
इनमें छह बेडरूम, किचन, साइंस लैब और टॉयलेट्स जैसी सभी सुविधाएं मौजूद होंगी। कंपनी ने वर्ष 2035 तक 10 अंडरवॉटर बस्तियां बसाने का लक्ष्य रखा है और 2050 तक समुद्र में पहला शिशु जन्म कराने की योजना है। हालांकि यह विचार नया नहीं है। 1950 और 60 के दशक में भी सीलैब और कॉनशेल्फ जैसे प्रोजेक्ट्स शुरू हुए थे, पर वे सीमित समय और तकनीकी बाधाओं के कारण ज्यादा सफल नहीं हो सके। पानी के नीचे रहना अंतरिक्ष की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है। धूप की कमी, डीकंप्रेशन सिकनेस, रक्त में बुलबुले बनने की समस्या और सघन हवा के कारण श्वसन तंत्र पर प्रभाव जैसे कई खतरे हैं। इसके बावजूद दीप का यह सपना दुनिया को एक नई दिशा में ले जा सकता है। मालूम हो कि जहां एक ओर दुनिया अंतरिक्ष में बस्तियां बसाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, वहीं अब इंसानों को पानी के नीचे बसाने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!