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  • Saturday, 19 April 2025
Ignore नहीं करें सर्दी-जुकाम, यह ले सकता है लाइलाज बीमारी का रुप

Ignore नहीं करें सर्दी-जुकाम, यह ले सकता है लाइलाज बीमारी का रुप

इंग्लैंड की नादिया आज इस बीमारी से लड़ रही लोग दे रहे हिम्मत की दाद

लंदन। इंग्लैंड के स्विंडन की रहने वाली 50 वर्षीय नादिया बिशप की जिंदगी एक मामूली सर्दी-जुकाम से शुरू हुई परेशानी के कारण पूरी तरह बदल गई। महीनों से उन्हें कान बंद होने और चक्कर आने जैसी दिक्कतें हो रही थीं, जिसे उन्होंने हल्की-फुल्की बीमारी समझकर नजरअंदाज कर दिया। लेकिन एक दिन अचानक उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी का आखिरी पल आ गया है। वह न हिल पा रही थीं, न अपनी आंखें खोल पा रही थीं। पूरे कमरे में उन्हें चारों ओर अंधेरा नजर आने लगा और पसीना छूटने लगा। कानों में इतनी तेज आवाजें आने लगीं कि वह सुनने की क्षमता पूरी तरह खो बैठीं। घर में अकेली नादिया को घबराहट के साथ-साथ इतनी तेज उल्टी हुई कि उन्हें लगा अब वह नहीं बचेंगी। किसी तरह उन्होंने हिम्मत जुटाकर आपातकालीन सेवा को फोन किया। मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें एंटी-नॉजिया इंजेक्शन दिया और अस्पताल ले जाया गया। यह डरावना हादसा अप्रैल 2017 में हुआ था। डॉक्टरों ने शुरुआती जांच में बताया कि उन्हें लैबिरिंथाइटिस नामक बीमारी हो गई है, जिसमें कान के अंदर सूजन के कारण संतुलन और सुनने की शक्ति पर असर पड़ता है। डॉक्टर्स ने भरोसा दिलाया कि कुछ हफ्तों में वह ठीक हो जाएंगी, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती ही गई। समय बीतने के साथ चक्कर और उल्टियों के दौरे कभी घंटों तो कभी दिनों तक चलते रहे।

सुनने की क्षमता लगातार कम होती रही। जिंदगी की इस मुश्किल घड़ी में उन्हें लगा कि वह धीरे-धीरे अपनी दुनिया से कटती जा रही हैं। कई महीनों के संघर्ष के बाद जब डॉक्टरों ने उनकी गहन जांच की और एमआरआई व अन्य टेस्ट किए गए, तो उन्हें असली झटका लगा। नादिया को बताया गया कि वह मेनीयर रोग से पीड़ित हैं, जो एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को बार-बार चक्कर आते हैं, उल्टियां होती हैं और धीरे-धीरे सुनने की शक्ति खत्म हो जाती है। इस खबर ने नादिया को अंदर तक झकझोर दिया, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी तकलीफ को ही अपनी ताकत बना लिया। अब नादिया हियरिंग एड की मदद से सुनती हैं और हर तीन महीने में स्टेरॉयड इंजेक्शन लेना पड़ता है। डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की योजना बनाई है, जिससे उनके कान से फ्लूइड निकालकर उन्हें थोड़ी राहत दी जा सकती है। बीमारी ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया, लेकिन उन्होंने इसे अपनी प्रेरणा बना लिया। अब वह ब्रिटिश साइन लैंग्वेज सीख रही हैं और लोगों को हियरिंग एड को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कहानी वायरल हो चुकी है और लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं।

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