
पृथ्वी से Moon का दूर वाला हिस्सा हो सकता है अधिक शुष्क
वॉशिंगटन। चीनी वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के सुदूर हिस्से से जुड़े एक महत्वपूर्ण रहस्य का खुलासा किया है। इस शोध के अनुसार, चंद्रमा का वह भाग जो पृथ्वी से दूर है, अपेक्षाकृत अधिक शुष्क हो सकता है। यह जानकारी चीन के ‘चांग’ई 6’ मिशन से प्राप्त मिट्टी और चट्टानों के नमूनों के विश्लेषण से सामने आई है। बीते साल चीन, चंद्रमा के उस हिस्से पर यान उतारने वाला पहला देश बना, जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा था। इस मिशन के तहत दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित ऐटकेन बेसिन से ज्वालामुखीय चट्टानों और मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए। चीनी विज्ञान अकादमी के वैज्ञानिक सेन हू और उनकी टीम ने करीब पांच ग्राम मिट्टी को इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से परखा। उन्होंने कुल 578 कणों का गहन विश्लेषण किया और पाया कि इन नमूनों में पानी की उपस्थिति मात्र 1.5 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से भी कम थी। इसकी तुलना अगर चंद्रमा के उस हिस्से से की जाए जो पृथ्वी की ओर है, तो वहां के नमूनों में पानी की मात्रा एक माइक्रोग्राम से लेकर 200 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम तक पाई गई थी। यह भी कहा गया है कि सीमित नमूनों के कारण अभी यह तय करना मुश्किल है कि यह शुष्कता चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से में कितनी व्यापक है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा की आंतरिक संरचना और उसके विकास को समझने के लिए पानी की मौजूदगी या अनुपस्थिति का अध्ययन बेहद जरूरी है। यही कारण है कि आगे और भी नमूने लेने और उनके विश्लेषण की जरूरत बताई जा रही है। इस शोध ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि चंद्रमा के हर हिस्से में अलग-अलग भूगर्भीय स्थितियां हो सकती हैं और उसकी सतह जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। भारत भी अपने चंद्रयान मिशन के जरिए इसी प्रकार की सूचनाओं को एकत्र कर चांद के रहस्यों को उजागर करने की दिशा में अग्रसर है। मालूम हो कि चंद्रमा की सतह और उसके रहस्यों को समझने के लिए पूरी दुनिया प्रयासरत है। अमेरिका, रूस, भारत और चीन जैसे देश लगातार चंद्रमा से जुड़ी नई जानकारियों की खोज में लगे हुए हैं।
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