
Nepal में राजशाही के लिए सड़कों पर क्यों हो रहे उग्र प्रदर्शन
सरकार और राजशाही खेमे एक-दूसरे पर लगा रहे हिंसा भड़काने के आरोप
काठमांडू। नेपाल की राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने फिर प्रदर्शन किया। आरपीपी राजशाही की बहाली और पुलिस हिरासत में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। इससे पहले काठमांडू के तिनकुने इलाके में 28 मार्च को राजशाही समर्थक प्रदर्शन उग्र हो गया था। सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के सिलसिले में कई नेताओं और राजशाही समर्थकों को गिरफ्तार किया है।
नेपाल में राजशाही को फिर से स्थापित करने के मिशन के साथ गठित संयुक्त जन आंदोलन के समन्वयक नबराज सुबेदी को घर में नजरबंद कर दिया गया है, जबकि आरपीपी के नेता उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा और महासचिव धवल शमशेर राणा पुलिस हिरासत में हैं। सरकार और राजशाही दोनों ही खेमे तिनकुने विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि आरपीपी के प्रदर्शन को देखते हुए दो हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने चेतावनी दी कि अगर कोई प्रदर्शनकारी तोड़फोड़ या आगजनी करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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