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Medicines आखिरी विकल्प हों, पहली नहीं, असली इलाज आपके अंदर की ताकत है

Medicines आखिरी विकल्प हों, पहली नहीं, असली इलाज आपके अंदर की ताकत है

कैसर को मात देने वाले शख्स की हिम्मत देख डॉक्टर भी हैं हैरान

लंदन। एक व्यक्ति ने परंपरागत इलाज को छोड़कर प्रकृति की ओर रुख किया और नतीजे चौंकाने वाले आए। ल्यूकेमिया और लिंफोमा जैसे दो खतरनाक कैंसर को इस व्यक्ति ने केवल प्राकृतिक तरीकों से हरा दिया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों ने उस व्यक्ति से साफ कह दिया था कि इलाज के बिना उनके बचने की उम्मीद नहीं है, लेकिन उन्होंने कीमोथेरेपी और रेडिएशन लेने से मना कर दिया। इसके बजाय उन्होंने खुद पर एक प्राकृतिक ट्रायल शुरू किया। ठंडी नदी में 4 डिग्री तापमान में 187 मील करीब 300 किमी तैराकी की। हर हफ्ते एक रात जंगल में बिताई। जीवन से डरने की बजाय जीवन को अपनाने का नजरिया अपनाया। शरीर की स्व-उपचार क्षमता पर भरोसा जताया। पहली बर्फीली तैराकी के बाद जब उनका ब्लड टेस्ट हुआ तो डॉक्टर दंग रह गए। ल्यूकेमिया पूरी तरह गायब था। 10 महीने बाद जब दोबारा स्कैन किया गया, तो लिंफोमा का भी कोई नामोनिशान नहीं मिला।

कैंसर विशेषज्ञ ने कहा कि अगर मैंने खुद टेस्ट नहीं किया होता, तो मुझे यकीन नहीं होता कि इन्हें कभी कैंसर था। ठंडे पानी से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जंगल में समय बिताने से नैचुरल किलर सेल्स 50 से 200 गुना तक बढ़ते हैं। व्यायाम और सकारात्मक सोच कैंसर की वापसी की संभावना कम करते हैं। आज वे शख्स 64 साल के हैं, पूरी तरह स्वस्थ हैं और 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं। वे अब लोगों को प्राकृतिक हीलिंग के ज़रिए कैंसर समेत कई बीमारियों से लड़ना सिखा रहे हैं। उनका साफ कहना है “दवाएं आखिरी विकल्प होनी चाहिए, पहली नहीं। असली इलाज आपकी भीतर की ताकत है। इस प्रेरणादायक कहानी ने न सिर्फ डॉक्टरों को हैरान किया, बल्कि लाखों लोगों को उम्मीद की नई राह दिखाई है।

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