
खुदरा महंगाई के दबाव में Vegetables एवं दालें होंगी सस्ती!
पांच साल के निचले स्तर पर आ जाएगी खुदरा महंगाई
मुंबई। भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटी गिरावट के बाद रेपो दर को फिलहाल दूसरी बार 0.25 फीसदी कटौती के बाद सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने दिया एक और राहत के संकेत। मार्च में खुदरा महंगाई की औसत दर में 3.47 फीसदी की गिरावट की भविष्यवाणी की जा रही है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम होगी। विभिन्न खाद्य उत्पादों की कीमतों में नरमी के कारण मार्च में सब्जियों एवं दालों की कीमतों में 5.1 फीसदी की गिरावट की आशंका है। चीनी, खाद्य तेल, दूध और फलों में महंगाई के दबाव ने बाधा उत्पन्न की है। बीते महीनों में सब्जियों और दालों की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है। इसके साथ ही अरहर, चने, मूंग, मसूर और उड़द जैसी दालों की कीमतें भी कम हो गई हैं।
सीएमआईई के अनुसार मार्च में अनाज की मुद्रास्फीति घटकर 5.3 फीसदी रह गई है, और गेहूं-आटे की कीमतों में अल्प गिरावट आई है। तेल और वसा की कीमतें भी बढ़कर 17.2 फीसदी हो सकती हैं। इस बढ़ा हुआ दबाव चीनी, सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल कीमतों में भी बढ़ोतरी के कारण निकला है। आने वाले महीनों में कार्यस्थल पर खुदरा महंगाई में सुधार की उम्मीद है, लेकिन इसके साथ देशवासियों को सब्जियों और दालों में कटौती का लाभ मिलने की आशा है।
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