
गेहूं की कीमतों पर काबू पाने अन्य विकल्पों पर विचार कर रही Government
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 में खेती के अधिक रकबे और बेहतर उपज के कारण गेहूं का उत्पादन बढ़कर 11 करोड़ 27.4 लाख टन रहने का अनुमान है। चावल के बारे में सचिव ने कहा कि भारत को अब तक भूटान से सरकार के स्तर पर 80,000 टन चावल की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है। सरकार ने घरेलू कीमत पर अंकुश लगाने के लिए टूटे चावल और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू के लिए सरकार आयात शुल्क में कटौती सहित सभी अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि भारत को अब तक भूटान से सरकार के स्तर पर 80,000 टन चावल की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है। पिछले साल सरकार ने घरेलू उपलब्धता और खुदरा बाजारों में बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार खुले बाजार में आटा मिलों और अन्य व्यापारियों को गेहूं का स्टॉक बेच रही है। चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि पिछली नीलामी के बाद से गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं। सरकार सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रही है और उचित निर्णय लेगी।
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