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महिलाओं के साथ बेटियों का भी योगदान याद रखा जाएगा

महिलाओं के साथ बेटियों का भी योगदान याद रखा जाएगा

डीआरडीई की महिला वैज्ञानिकों ने एनसीसी कैडेटों को बताई चंद्रयान 3 की सफलता

ग्वालियर। चंद्रयान 3 की सफलता के पीछे महिलाओं का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। इन महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का योगदान एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा की जा रही प्रगति का उदाहरण है, जो भावी पीढ़ियों को अपने जुनून और सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। उनकी उपलब्धियां न केवल अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती हैं बल्कि वैज्ञानिक समुदाय में विविधता और समावेशन के महत्व की याद भी दिलाती हैं। यह बात डीआरडीई की वैज्ञानिक डॉ. मनीषा सेठी ने कही। वे 3 एमपी गर्ल्स बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल सुखविंदर सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर एनसीसी कैडेट्स को संबोधित कर रही थीं।

इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ. सरोज सीपट ने बताया कि ये महिलाएं हमारे आस-पास की सामान्य महिलाओं की तरह ही हैं, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प और कुछ असाधारण हासिल करने की इच्छा ने उन्हें महान ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया हैैं। इन वैज्ञानिकों के अलावा बेटियों ने भी चंद्रयान-3 की सफलता में भी अहम योगदान दिया है। कार्यक्रम में सूबेदार कश्मीर सिंह, जीसीआई लक्ष्मी, जीसीआई कमलजीत कौर, हवलदार नवीन शुक्ला, नायक कृष्ण ढाका, हवलदार अजय ओरण मौजूद रहे।

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