एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव को "AAP" ने बताया असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक

नई दिल्ली| आम आदमी पार्टी ने सोमवार को एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। पार्टी ने प्रस्ताव को भाजपा के ऑपरेशन लोटस को वैध बनाने और विधायकों की खरीद-फरोख्त को वैध बनाने वाला मोर्चा भी करार दिया। आप की दिल्ली की विधायक आतिशी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के तहत अगर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो विधायक-सांसद सीधे राष्ट्रपति शैली के माध्यम से मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री का चुनाव कर सकते हैं। दलबदल विरोधी कानून के अभाव में प्रत्यक्ष मतदान होगा इसलिए विधायक या सांसद किसी अन्य पार्टी के सीएम या पीएम के लिए वोट कर सकते हैं और यह एक ही बार में पूरे देश में ऑपरेशन लोटस चलाने के भाजपा के सपने को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के मुद्दे अलग हैं और लोग अलग-अलग पार्टियों को वोट देते हैं अगर दोनों चुनाव एक साथ होते हैं तो लोगों के लिए निर्णय लेना मुश्किल होगा। लोकसभा और विधानसभा के एक साथ चुनाव होने के अमीर पार्टियां अपने पैसे और बाहुबल से राज्यों के मुद्दों को दबा देंगी और इससे मतदाताओं का फैसला प्रभावित होगा। आतिशी ने तर्क दिया कि वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने पर विश्वास मत हारने के बाद भी सरकारें कई सालों तक चल सकती हैं क्योंकि पांच साल बाद ही चुनाव हो सकते हैं। अलग-अलग चुनाव कराने को पैसे की बर्बादी बताया जा रहा है और सिर्फ 1000 करोड़ रुपये सालाना बचाने के लिए हमारे देश के लोकतंत्र को कैसे खतरे में डाला जा सकता है?