झूठे केस में फंसाने के नाम पर प्रधान आरक्षक कर रहे थे जबरन वसूली, 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार
- Posted on 18 May,2022
- Madhya Pradesh
- By Admin

भिंड। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्यवाही करते हुए मालनपुर थाना में पदस्थ कार्यकारी प्रधान आरक्षक को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। शिक्षा विभाग में बतौर एलडीसी पदस्थ विकास सिंह जाटव की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही को अंजाम दिया। जिसमें कार्यकारी प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। वहीं मामले में पीड़ित द्वारा एक और आरक्षक का नाम भी लिया जा रहा है जिसके द्वारा रिश्वत की मांग की गई।
दरअसल फरियादी विकास जाटव ने ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की कि हत्या के प्रयास के एक मामले में सहआरोपी बनाये जाने की धमकी देते हुए आरक्षक आशीष शुक्ला एवं प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी द्वारा 20 हजार रुपये की मांग की जा रही है। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत की पुष्टि करने के बाद कार्यवाही की गई। फरियादी विकास सिंह जाटव पुत्र रामनिवास जाटव उम्र 26 वर्ष निवासी हनुमान चौराहा मालनपुर द्वारा बताया गया कि मैं जोरा जिला मुरैना में शिक्षा विभाग में एलडीसी के रूप में पदस्थ हूं। 14 मई 2022 को रात्रि लगभग 10 बजे के करीब मेरे घर के बाहर छोटे भाई की गन्ना जूस की दुकान पर कमल नागर नामक व्यक्ति आकर बैठ गया। उसने बोला कि मेरे दोनों पैर फ्रैक्चर हैं मुझे हरिराम पुरा चौराहे तक छोड़ दो। जिस पर मेरे द्वारा उक्त व्यक्ति को मोटरसाइकिल पर बिठाकर हरिराम की कुइयां या पर छोड़ा गया। उसी दौरान थाना मालनपुर के आरक्षक आशीष शुक्ला व प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी के द्वारा उक्त व्यक्ति को पकड़ लिया गया तब मुझे पता चला कि उसके ऊपर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज है।
इसके बाद मुझे करीबन तीन-चार दिन से थाना मालनपुर में पदस्थ आरक्षक आशीष शुक्ला एवं प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, क्योंकि आरोपी के पकड़े जाने के दूसरे दिन सुबह मेरे घर पर उक्त दोनों पुलिस वाले आए और एक व्यक्ति ने कट्टा निकालकर मेरी कनपटी पर लगा दिया दूसरे ने पिस्टल निकालकर छाती पर अड़ा दी और मुझसे बोले कि तूने आरोपी को शरण दी है, तुझे भी सह आरोपी बना देंगे। अगर बचना है तो हमें 20 हजार रुपए दे। उक्त पुलिस वालों के द्वारा मुझे 3 दिन से काफी प्रताड़ित किया जा रहा था। इनके द्वारा मुझसे लगभग 10 हजार रुपये की शराब भी मंगवाई गई जो कि मेरे द्वारा मालनपुर अंग्रेजी शराब के ठेके पर कार्ड के द्वारा पेमेंट करके भुगतान किया गया। आरक्षक आशीष शुक्ला मुझे काफी प्रताड़ित कर रहा था इसलिए मैंने मजबूरन लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की शरण ली।
शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर के द्वारा फरियादी को केमिकल लगाकर रुपये दिए गए. मालनपुर थाना पहुंचकर उसने कॉल लगाया तो प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी थाने के बाहर रुपये लेने के लिए आया। जिसके बाद उसने रिश्वत के रुपये प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी को दे दिए। रुपये मनीष पचौरी के हाथ मे पहुंचते ही लोकायुक्त अधिकारियों के द्वारा उक्त प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। पीड़ित द्वारा दो पुलिसकर्मियों की शिकायत की गई थी ऐसे में लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि फिलहाल एक आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा गया है। जबकि आगे जांच में दूसरे पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आती है तो उस पर भी कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही को अंजाम देने वाली लोकायुक्त टीम में प्रदुमन कुमार डीएसपी, योगेश कुरचानिया डीएसपी तथा टीआई बृजमोहन नरवरिया, कविंद्र सिंह चौहान, टीराघवेंद्र ऋषिस्वर, भरत किरार, अंजली शर्मा, प्रधान आरक्षक इकबाल खान, प्रधान आरक्षक हेमंत शर्मा, आरक्षक भाग सिंह, आरक्षक बिशंबर सिंह भदोरिया, आरक्षक राकेश शर्मा, आरक्षक प्रमोद तोमर, टाइपिस्ट नितिन चंदेरिया आदि शामिल रहे।